80 फीसदी लोगों को बिना प्री-रजिस्ट्रेशन के लगा टीका, इच्छुक लोगों के लिए सब दरवाजे खुले

नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) के प्रमुख आर. एस. शर्मा ने कहा कि यह कहना सही नहीं होगा कि कोरोना टीकाकरण के लिए कोविन पर पूर्व पंजीकरण से कई लोग टीकों से वंचित रह जाएंगे। क्योंकि सच्चाई यह है कि अभी तक 30 करोड़ से भी अधिक टीके लग चुके हैं लेकिन इनमें से 80 फीसदी टीके स्पॉट रजिस्ट्रेशन के जरिये लगाए गए। यानी लोग केंद्र पर गए। वहीं पर हाथ के हाथ उनका पंजीकरण हुआ और टीके लगे। 

हिन्दुस्तान से विशेषज्ञ बातचीत में उन्होंने कहा कि कोविन पर पूर्व पंजीकरण के रूप में एक सुविधा प्रदान की गई है जिसका इस्तेमाल अभी तक करीब 20 फीसदी टीकों के लिए ही हुआ है। उन्होंने कहा कि जो लोग टीका लगाने के इच्छुक हैं, उनके लिए पूर्व पंजीकरण की कोई अनिवार्यता नहीं है। उनके लिए सारे दरवाजे खुले हैं। वे जिस भी केंद्र पर जाएंगे, उन्हें टीका लगेगा।

कोविन पर तुरंत आंकड़े लोड करें राज्य

उन्होंने कहा कि कई राज्यों से इस प्रकार की शिकायतें मिल रही हैं कि वे टीके लगाते समय कोविन पर डाटा अपडेट नहीं कर रहे हैं। वे लोगों को टीका लगाने का एक अस्थाई प्रमाण पत्र या रशीद प्रदान कर रहे हैं। कई दिन बाद भी आंकड़े अपडेट नहीं हो रहे। यह गलत है। रशीद या अस्थाई प्रमाण पत्र की अनुमति राज्यों को नहीं दी गई है। राज्यों को कहा गया है कि वह जैसे ही टीका लगता है उसे कोविन पोर्टल पर अपडेट करें ताकि तुरंत टीका लगाने वाले व्यक्ति को एसएमएस जाए और वह अपना टीकाकरण प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकें।
 
34 पोर्टल कर रहे हैं बुकिंग

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कोविन पोर्टल के अलावा कुल 34 पोर्टल के जरिये कोरोना टीकाकरण के लिए पंजीकरण हो रहा है। हमने राज्यों समेत अन्य संस्थाओं जैसे पेटीएम, मैक्स हेल्थकेयर, इंफोसिस आदि को अप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) की अनुमति दी है। इससे सॉफ्टवेयर आंकड़ों की सुरक्षा रखते हुए भी परस्पर जुड़ जाते हैं। लेकिन इस पर होने वाला पंजीकरण तत्काल कोविन पर अपडेट होता है। ये पोर्टल उसकी प्रकार कार्य करते हैं जैसे एयर इंडिया का टिकट एयर इंडिया के अलावा भी कई साइटों से बुक हो सकता है। 

ओपन सोर्स सॉफ्टेवयर

उन्होंने कहा कि कोविन पोर्टल बेहतरीन कार्य कर रहा है तथा प्रधानमंत्री ने कहा है कि यदि कोई और देश भी इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसे ओपन सोर्स प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराया जाए। जुलाई के पहले सप्ताह में इस मुद्दे पर एक वर्चुअल बैठक हो रही है। इसमें कई देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। हमारी तरफ से जल्द ही यह सॉफ्टवेयर ओपन सोर्स पर उपलब्ध करा दिया जाएगा। 

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