50 से ज्यादा और लोग थे उमर के निशाने पर, पहले ही हो गया पर्दाफाश

देशभर में धर्मांतरण कराने वाले मोहम्मद उमर गौतम और उसकी संस्था के कट्टरपंथी सदस्यों की कानपुर पर पैनी नजर रही। ज्योति बधिर स्कूल के छात्रों के अलावा शहर के 50 से अधिक गरीब और मजबूर लोगों को धर्मांतरण के लिए उकसाया गया था।

एटीएस आरोपियों को पकड़कर खुलासा न करती तो आरोपी इनका भी धर्म परिवर्तन कराने में सफल हो जाते। जांच एजेंसियां इन सभी लोगों से पूछताछ कर आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य जुटा रही हैं। इन लोगों को गवाह बनाने का भी प्रयास चल रहा है।

उमर गौतम की कानपुर में गहरी पैठ रही है। उसके आठ साथियों के बारे में जांच एजेंसियों को पता चला है। इनके बारे में क्राइम ब्रांच भी जानकारी जुटा रही है। सूत्रों के मुताबिक ये सभी शहर के अलग-अलग इलाकों में घूम-घूमकर धर्म का प्रचार करते थे।

मजबूर व गरीब लोग मिलते, तो उनको रोजगार दिलाकर शादी कराने का झांसा देते और उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर के बारे में बताते। धर्म परिवर्तन के लिए उकसाते भी थे। उन्हें धार्मिक सभाओं में भी ले जाते थे। लेकिन इससे पहले कि इनके और मंसूबे कामयाब होते उमर के गिरोह का पर्दाफाश हो गया।

अब जांच एजेंसी पता कर रही हैं कि जिनको उकसाया गया, वे लोग कौन-कौन थे। कहीं इनमें से भी किसी ने धर्मांतरण तो नहीं किया। हालांकि अभी तक की जानकारी के मुताबिक ये सभी धर्मांतरण से बच गए हैं। 

कानपुर में भी संस्था का एक खाता
एटीएस खुलासा कर चुकी है कि उमर की संस्था को विदेश से फंडिंग होती थी। इसमें फिलीपींस से काफी रकम आई है। सूत्रों के मुताबिक कई साल पहले संस्था से जुड़े एक शख्स ने कानपुर में एक सरकारी बैंक में खाता खुलवाया था।

काफी समय तक ये खाता डेड पड़ा था। उमर ने फंडिंग के लिए इस खाते को एक्टिव कराने का प्रयास किया था। एटीएम कार्ड का इस्तेमाल दिल्ली में हुआ था। जांच एजेंसियां इसको गंभीरता से खंगाल रही हैं।

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