मंगलवार को तेज धूप निकलने से कुछ राहत मिली भी लेकिन बुधवार को ठंड से राहत मिलने की उम्मीद को उस समय झटका लगा, जब सुबह से ही पछुआ सर्द हवा चलने लगी। तेज सर्द हवा चलने से धूप का तापमान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इससे एकाएक तापमान तेजी से गिर गया। आलम यह था कि दोपहर में भी लोग ठंड से ठिठुर रहे थे।
जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक के बाजारों में लोग खरीदारी करने पहुंचे लेकिन कड़ाके की ठंड के चलते जल्दी-जल्दी काम निपटाकर अपने-अपने घरों को लौट गए। नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज के मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक ने बताया कि बुधवार को न्यूनतम पारा सामान्य से चार डिग्री नीचे आकर चार डिग्री रिकॉर्ड हुआ है।
उन्होंने कहा कि बीते तीन वर्षों 2013 से 2016 का सर्दी का रिकॉर्ड टूट गया है। जनवरी 2012 में तापमान सामान्य से छह डिग्री कम होकर दो डिग्री पर पहुंच गया था। उन्होंने अगले तीन दिनों में ठंड व गलन से निजात नहीं मिलने की संभावना व्यक्त की है। कहा, पहाड़ों तथा हिमाचल और जम्मू कश्मीर में हो रही बर्फबारी से गलन को साढ़े चार किमी. प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही पछुआ हवा ने और बढ़ा दी है।
कोहरा न होने और धूप निकलने के बाद भी आम लोगों के साथ ही बेजुबानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सुबह का न्यूनतम तापमान चार डिग्री है, लेकिन दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम होकर 19 डिग्री पर पहुंच गया है। ऐसे में मौसम के करवट लेने तथा और पारा लुढ़कने की उम्मीद है। उधर, कड़ाके की ठंड से बचने के लिए लोग जगह-जगह अलाव का सहारा लेते दिखे।
हालांकि प्रशासन द्वारा अब तक सभी सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। इसके अलावा कंबल वितरण में भी तेजी नहीं आ सकी है। नतीजतन आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
अकबरपुर के मुन्नेलाल व बसंतकुमार, जलालपुर के शंकर लाल व शमशेर अली तथा भीटी तहसील क्षेत्र के कृष्णावती व दानबहादुर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब ठंड का मौसम बीत जाएगा, तब कंबल लेकर क्या करेंगे। उन्होंने अविलंब कंबल बंटवाने की मांग की है। उधर, एडीएम रामसूरत पांडेय ने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जल रहा है। कंबल वितरण में भी तेजी लाई जा रही है।