हाईकोर्ट का आदेश, बिहार बोर्ड प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एक नीति बनाए, 35 छात्रों ने दायर की थी याचिका, HC ने हस्तक्षेप करने से किया इनकार

पटना हाईकोर्ट ने एसटीईटी परीक्षा 2019 में गणित विषय में पूछे गए सवालों को लेकर दायर रिट याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। लेकिन कोर्ट ने बोर्ड को प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए एक नीति बनाने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति डॉ. अनिल कुमार उपाध्याय की एकल पीठ ने 35 छात्रों की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई की।

कोर्ट को बताया गया कि गणित विषय की परीक्षा तीन अलग-अलग तिथियों में ली गई थी। तीनों तारीख पर प्रश्न अलग-अलग स्तर के थे। यही नहीं कई प्रश्न सिलेबस के बाहर के थे। कोर्ट के आदेश से छात्रों को प्रश्न पत्र बुकलेट उपलब्ध कराये गये थे। जिस पर छात्रों की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई। आपत्ति पर बोर्ड की ओर से एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया गया। एक्सपर्ट कमेटी ने जांच में पाया कि 10 और 11 सितंबर तथा 14 सितंबर को ली गई परीक्षा के प्रश्न एक स्तर के नहीं थे। 14 सितंबर को पूछे गए प्रश्न स्नातक स्तर के नीचे के थे, जबकि 10 और 11 सितंबर को पूछे गए प्रश्न स्नातक और स्नातकोत्तर, यहां तक कि आईआईटी स्तर के थे।

कोर्ट ने दायर अर्जी पर हस्तक्षेप तो नहीं किया, लेकिन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को आगे से एक ऐसी नीति बनाने का निर्देश दिया जिससे एक ही प्रतियोगिता परीक्षा के लिए भले ही परीक्षा अलग-अलग तिथि में ली जाये, लेकिन प्रश्न एक ही स्तर के हों, ताकि किसी को शिकायत नहीं रहे। कोर्ट ने कहा कि बोर्ड को प्रतियोगिता परीक्षा के लिए जल्द नीति निर्धारण करना चाहिए। नीति स्पष्ट हो ताकि भविष्य में ऐसी गलतियां दोहराई नहीं जाएं। कोर्ट ने अर्जी को निष्पादित कर दिया।

कई प्रश्न थे आईआईटी स्तर के 
दस सितंबर को प्रश्न संख्या 56, 59, 60, 61 और 74 आईआईटी स्तर के थे। वहीं, प्रश्न संख्या 66, 96 और 100 स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर के थे, जबकि 11 सितम्बर के प्रश्न संख्या 51 से लेकर 56 और 63 आईआईटी स्तर के थे। वहीं, प्रश्न संख्या 76, 79, 85 और 99 स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर के थे, जबकि 14 सितम्बर के प्रश्न स्नातक स्तर से नीचे के थे।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com