हमला कर वापस आने वाली मिसाइल बनाएगा भारत

भोपाल। भारत रक्षा और मिसाइल के क्षेत्र में काफी उन्नत है। इसकी बानगी समय-समय पर परिक्षणों के माध्यम से सामने आते रहते हैं। हमारे पास भी दुनिया के अन्य शक्तिशाली देशों के बराबर मिसाइल ताकत है। लेकिन भारतीय वैज्ञानिक इससे भी बेहतर कुछ नया करने में विश्वास करते हैं। इसीलिए हम निकट भविष्य में ऐसे मिसाइल का निर्माण करने की योजना बना रहे हैं, जो अधिक मारक क्षमता के साथ दुश्मनों के गढ़ में हमला करके अपने खेमे में वापस आ सके।

sudheermishra_201733_223821_03_03_2017यह कहना है, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, रक्षा मंत्रालय के विशिष्ट वैज्ञानिक और ब्रह्मोस मिसाइल के मुख्य नियत्रंक डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा का। वे शुक्रवार को भोपाल विज्ञान मेले के शुभारंभ मौके पर शामिल होने शहर पहुंचे। इस दौरान नवदुनिया से विशेष बातचीत में भारतीय मिसाइल की ताकतें और आगामी चर्चा को लेकर अपनी बात रखी।

उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट तैयार है, अनुमति मिलते ही हम काम शुरु कर देंगे। यह पूरा प्रोजेक्ट बेहद ही खुफिया रहेगा। गौरतलब है कि हमारी परंपरा वैदिक और आध्यात्मिक रही है, तो इस मिसाइल का विचार भी भगवान कृष्ण के सुदर्शन चक्र से लिया गया है।

इस माह 1000 किमी का परीक्षण

अभी तक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की मारक क्षमता सिर्फ 290 किमी किमी प्रतिघंटा है। लेकिन इसे बढ़ाकर 450 किमी प्रति घंटे करने की योजना है। जिसका परीक्षण मार्च के दूसरे हफ्ते में किया जाएगा। पिछले साल गोवा में हुए शॅार्क सम्मेलन में इसकी मारक क्षमता को बढ़ाने की अनुमति मिली थी।

इसी के तहत हम मार्च के अंतिम सप्ताह में 1000 हजार किमी प्रति घंटे की क्षमता वाले ब्रम्होस मिसाइल का परिक्षण करने वाले हैं। भारत वत्रमान समय में मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजिम (एमटीसीआर) का मुख्य सदस्य बन चुका में । इस समूह में अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और कनाडा समेत कई देश इसमें शामिल हैं।

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