सावधान : सिगरेट और पान मसाला कम कर देंगे कोरोना वैक्सीन की ताकत

कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के बीच डॉक्टरों ने लोगों को सतर्क किया है। पान मसाला, सिगरेट और शराब का सेवन करते हैं तो वैक्सीन के काम करने की क्षमता कम हो जाएगी। कोरोना के खिलाफ शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी की प्रक्रिया सुस्त पड़ सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि वैक्सीन लगवाने से पहले इन्हें छोड़ दें। अगर वैक्सीन लग जाए तो तीन महीने तक कड़ाई से परहेज करें।

डॉक्टरों का कहना है कि सिगरेट-गुटखा में 620 तरह के घातक रसायन पाए जाते हैं जो इम्युनिटी को प्रभावित करते हैं। इनमें 35 घातक केमिकल ऐसे हैं जो किसी भी दवा या वैक्सीन को बेअसर करते हैं। कोमार्विड लोगों को विशेष तौर पर सावधानी बरतनी है, क्योंकि वे पहले से कमजोर इम्युनिटी वाले होते हैं। मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विकास मिश्र के मुताबिक किसी तरह का नशा और कार्बोहाइड्रेट युक्त डाइट, कोरोना वैक्सीन का रिस्पांस कम कर देता है। अभी लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लग रही है। इस पर देश दुनिया में रिसर्च चल रहे हैं। इसलिए वैक्सीनेशन के बाद अधिक सावधानी बरतें। बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण से रहे दूर रहें ताकि वैक्सीन को अपना करने का समय मिल सके। कम प्रतिरोधक क्षमता में किसी भी तरह का संक्रमण संभव है। ऐसे में शरीर दूसरी बीमारियों के खिलाफ काम करने लगेगा और वैक्सीन के लिए एंटीबॉडी बनने में दिक्कत होगी।

बुखार आए तो समझिए बनने लगी एंटीबॉडी
मंडल के अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. जीके मिश्र के मुताबिक वैक्सीन की पहली डोज लेने पर कुछ लोगों को बुखार की शिकायत होती है। इससे घबराएं नहीं। यह बेहतर संकेत है। ऐसे लोगों में एंटीबॉडी बनने की प्रक्रिया वैक्सीन लगने के साथ शुरू हो जाती है। इसे केमिकल रिएक्शन के दौरान बेहतर इम्युन रिस्पांस का संकेत माना गया है।

पान मसाला और सिगरेट वालों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। अब तक कई शोधों से यह बात साबित हो चुकी है कि ऐसे लोगों पर किसी भी बीमारी की दवाएं कम असर करती हैं। ऐसे लोगों में केमिकल रिएक्शन सुस्त हो जाता है। इस दौरान इम्युन रिस्पांस सिस्टम लड़खड़ा जाता है। खानपान को ठीक रखें। तला भुना भी खाने से परहेज करें। प्रोटीन युक्त डाइट लें। – डॉ. विकास मिश्र, एसोसिएट प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज

वैक्सीन लगवाने वालों को पान मसाला, गुटखा, शराब समेत स्टेरायड युक्त खानपान से बचना चाहिए। इस तरह की सतर्कता सम्बंधी गाइडलाइन भी है, मगर लोग इसे पूरी तरह फालो नहीं कर रहे हैं। वैक्सीन सेंटरों पर लोगों को सतर्क किया जाएगा। – डॉ. जीके मिश्र,  अपर निदेशक स्वास्थ्य, कानपुर मंडल

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