बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि राज्य के बाहर और अंदर शराब के धंधे में लिप्त लोगों की चेन को ध्वस्त करें। कठोर कार्रवाई कर शराब माफियाओं का मनोबल तोड़ें। उनमें कानून का भय पैदा करें। मुख्यमंत्री ने बुधवार को एक अणे मार्ग में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की समीक्षा की और कई निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि मुख्यालय स्तर से लगातार इसकी समीक्षा करते रहें। दोषियों के खिलाफ तेजी से ट्रायल कराकर सजा दिलवायें। शराबबंदी कानून तोड़ने वालों के खिलाफ पदाधिकारी एवं कर्मी मजबूती के साथ समर्पित होकर निरंतर अभियान चलाते रहें, ताकि कोई बच नहीं पाये। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब पीना बुरी चीज है, लोग इस चीज को समझते हैं। इसे लोगों के बीच प्रचारित करते रहें ताकि सभी सचेत और जागरुक रहें। उन्होंने कहा कि शराब का धंधा करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। गड़बड़ी करने वाले व्यक्तियों को सजा भी दी जा रही है। शराबबंदी लोगों के हित में है, इससे समाज में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।
समीक्षा बैठक में उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पिछले दो माह में अवैध शराब की रिकवरी, सजा की विवरणी, वाहन जब्ती, आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। बैठक में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, डीजीपी एसके सिंघल, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव, गृह सह मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, आईजी मद्य निषेध अमृत राज सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।