पटना : केंद्र सरकार द्वारा वीवीआईपी कल्चर को समाप्त करने के लिए किए जाने वाले प्रयास के बाद अब यह बात सामने आ रही है कि प्रदेश के साढे चार सौ से अधिक वीवीआईपी और वीआईपी वाहनों से विभिन्न तरह की बत्तियां हट जाऐंगी। वाहनों से लाल और पीली बत्ती वाले वाहनों में बड़े पैमाने पर सरकार में शामिल मंत्रियों के वाहन शामिल हैं वहीं राज्योें के विधानमंडल और विभिन्न समितियों के सभापति और अनुमंडल से सचिवालय में बैठे आईएएस और आईपीएस अधिकारी शामिल हैं।
मगर केंद्र सरकार के इस निर्णय से बिहार के नेता नाराज़ हैं। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मीडिया से चर्चा कर कहा कि वे तो पहले से ही लालबत्ती कल्चर के विरूद्ध हैं। उनका कहना था कि यह बत्ती उन वाहनों पर लगी होती है जो कि अत्यावश्यक होते हैं। मगर यह कोई स्टेटस सिंबल का काम नहीं करता है ऐसे में इनका गलत उपयोग नहीं होना चाहिए। दूसरी ओर केंद्र सरकार के आदेश के बाद तो भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने वाहनों से लाल बत्ती हटा ली है।
दूसरी ओर ऐसे भी गैर भाजपा शासित राज्य हैं जहां पर मुख्यमंत्रियों द्वारा पहले ही लाल बत्ती और वीआईपी कल्चर पर निर्णय लिया जा चुका है ऐसे राज्यों में पंजाब शामिल है। जहां नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने वीवीआईपी कल्चर को समाप्त करने की बात कही थी। दूसरी ओर सीएम अरविंद केजरीवाल ने सरकार में अपनी पहली पारी में यह स्पष्ट कर दिया था कि आम आदमी पार्टी नीत सरकार में वे लालबत्ती के उपयोग पर गंभीरता से काम करेंगे।
मंत्रियों के अलावा बिहार विधानमंडल की 58 विभिन्न कमेटियों के सभापति की सरकारी गाड़ियों से लालबत्ती हटाने को लेकर कार्य किया गया। बिहार के नेताओं की प्रतिक्रिया काफी अलग रही। वीआईपी कल्चर को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि वे लालबत्ती कल्चर के विरूद्ध हैं। जनता की सेवा करना ऐसे लोगों का महत्वपूर्ण कार्य है जिन्हें विभिन्न बत्तियों वाले वाहन दिए जाते हैं। गौरतलब हे कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से बिहार के मंत्रियों पर असर पड़ सकता है।
दरअसल बिहार के जिन मंत्रियों पर लालबत्ती वाहन लगे हैं उनमें उत्पाद मंत्री अब्दुल जलील मस्तान, वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव, ग्रामीण विकास मंत्री शैलेश कुमार, जल संसाधन मंत्री ललन सिंह और शिक्षा मंत्री अशोक चैधरी आदि शामिल हें। दूसरी ओर केंद्र के इस निर्णय से जिलों के जिला परिषद अध्यक्ष, जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त, अनुमंडलाधिकारी और एसपी के वाहनों से लाल और नीली बत्तियां हट जाऐंगी। केंद्र के इस निर्णय पर ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव और ग्रामीण विकास मंत्री शैलेश ने आक्रोश जताया है। वे केंद्र सरकार का विरोध कर रहे हैं।