तबादला नीति के विरोध में डॉक्टर व कर्मचारियों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा। मरीज ओपीडी इलाज के लिए मिन्नते करते रहे। डॉक्टर नहीं पसीजे। जांच के लिए लोग कतार में लगे रहे। टेक्नीशियन ने मरीजों को यूनिट से बाहर ही रखने का फरमान सुना दिया। गर्मी व बीमारी से बेहाल मरीजों की कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है।
चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के आन्दोलन ने दूसरे दिन रफ्तार पकड़ ली। सुबह आठ बजे से कर्मचारियों का अस्पतालों में जुटने का सिलसिला शुरू हुआ। बलरामपुर अस्पताल में ओपीडी ब्लॉक के बाहर कर्मचारी जुटे। अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारी ओपीडी ब्लॉक में दाखिल हुए। पर्चा व दवा काउंटर बंद कर दिया गया।
खून की जांच के लिए काउंटर के बाहर लाइन लगी थी। उसे भी बंद करा दिया गया। यह मरीज शुक्रवार को डॉक्टर की सलाह के बाद घर लौट गए थे। इसी तरह सिविल अस्पताल में भी कर्मचारियों का हंगामा जारी रहा। डफरिन व झलकारी अस्पताल में इलाज ठप होने से गर्भवती महिलाएं बेहाल रहीं। सबसे ज्यादा दिक्कतें उन गर्भवती महिलाओं को झेलनी पड़ी जो तारीख मिलने के बाद अल्ट्रासाउंड जांच के लिए पहुंची थी।
महासंघ के प्रवक्ता सुनील कुमार के मुताबिक सरकारी अस्पतालों में आठ से 10 बजे कार्यबहिष्कार जारी रहेगा। सरकार जब तक तबादला सत्र शून्य नहीं करेगी तब तक आन्दोलन जारी रहेगा। अफसरों की मनमानी कर्मचारी सहन नहीं करेंगे। सोमवार को प्रदेश भर के कर्मचारी कैसरबाग स्थित महानिदेशालय का घेराव करेंगे।