यूपी सरकार बदलेंगी तबादला नीति, तीन साल, पांच साल और सात साल से जमे अफसर हटेंगे

YogiGomtiRiverFront
लखनऊ । अब जुगाड़ के बल पर वर्षो से एक ही जिले और स्थान पर जमे अधिकारियों और कर्मचारियों पर योगी सरकार की पारदर्शी तबादला नीति से अब दुसरे स्थान पर जाने के लिए सिफारिश काम नही करेगा ।  योगी आदित्यनाथ अखिलेश यादव की तय की हुई तबादला नीति बदलने जा रही हैं। वर्ष 2017-18 की तबादला नीति को लेकर योगी सरकार गहन मंथन कर रही है। इसे जल्द ही अंतिम रूप देकर अगली कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी जा सकती है। अखिलेश यादव सरकार में पिछले तीन साल से एक ही तबादला नीति लागू रही। यानी एक जिले में छह साल से जमे अफसर और एक मंडल में दस साल से जमे अफसर हटाए जाते थे। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक योगी सरकार जिलों में तैनात अफसरों के लिए छह साल की सीमा घटाकर पांच साल और मंडल में तैनात अफसरों के लिए दस साल की सीमा घटाकर सात साल सीमा तय करने पर विचार कर रही है। इसी तरह फील्ड में तैनात जिला स्तरीय अफसर यदि किसी जिले में तीन साल पूरे कर चुके हैं तो उन्हें हटा दिया जाए। इसी तरह विभागाध्यक्ष स्तर के अधिकारी एक ब्रांच में यदि पांच साल पूरे कर चुके हैं, उनको स्थानांतरित कर दिया जाए। तीसरा वर्ग विशेषज्ञ स्तर के अधिकारियों के लिए रखा गया है, उनको 7 साल से अधिक एक विभाग में न रखा जाए। राज्य सरकार की यह तबादला नीति केवल राज्य स्तरीय अफसरों पर लागू होती है। सचिवालय की अलग नीति बनती रही है। इस बार भी ऐसा ही होगा। लेकिन एक वरिष्ठ अफसर का कहना है कि इस बार सचिवालय में आपरेशन क्लीन चलेगा। जो अफसर-कर्मचारी 10-12-15 साल से एक ही विभाग में तैनात हैं, उनको हटाया जाएगा। साथ ही ऐसे अफसर-और कर्मचारियों की आपरेशन क्लीन के तहत खास सूची बनेगी जो तबादला होने पर हमेशा अच्छे विभाग में ही तैनाती पाते रहे हैं।

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