यूपी में ट्रांसफर पर लगी रोक हटाने के सरकार के फैसले में हस्तक्षेप से हाईकोर्ट का इनकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोविड-19 के कारण प्रदेश में ट्रांसफर पर लगी रोक हटाने का निर्देश देने की मांग को ठुकरा दिया है। कोर्ट गुरुवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस राजेंद्र कुमार की डबल बेंच कर रही थी। कोर्ट ने इस याचिका को सुनने के बाद खारिज कर दिया।

ट्रांसफर के फैसले को दी गई थी चुनौती
इस जनहित याचिका में यूपी सरकार के सरकारी कर्मचारियों के स्थानांतरण की अनुमति देने के फैसले को चुनौती दी गई थी। प्रदेश की योगी सरकार ने COVID-19 के कारण ट्रांसफर पर अभी रोक लगा रखी है।
उत्तर प्रदेश ने पहले 12 मई 2021 के आदेश द्वारा COVID के मद्देनजर कर्मचारियों के स्थानांतरण पर रोक लगा दी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने 15 जून 2021 को निकाले गए आदेश में स्थानांतरण की अनुमति दे दी है।

15 जून को ट्रांसफर की सरकार ने दी थी अनुमित
जनहित याचिका (पीआईएल) में 15 जून 2021 को दिए आदेश में कर्मचारियों के स्थानान्तरण को अनुमति दी गयी थी। इस आदेश को चुनौती दी गई थी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार IV की खंडपीठ ने कहा कि याचिका में इस तथ्य की अनदेखी की गयी है कि सेवा मामलों के संबंध में एक जनहित याचिका पोषणीय नहीं है। यह दृष्टिकोण ओडिशा बनाम केंद्रीय विद्युत आपूर्ति उपयोगिता के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय द्वारा समर्थित है। उपरोक्त को देखते हुए, कोर्ट ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया।

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