यूपी : अपर मुख्य सचिव के हस्ताक्षर से 360 लोगों की फर्जी नियुक्ति जारी करने वाला गिरफ्तार

राज्य भंडारण निमग (एफसीआई) में श्रमिक के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का हाई प्रोफाइल मामला सामने आया है। ठग ने 360 लोगों की नियुक्ति सूची अपर मुख्य सचिव समेत कई बड़े अफसरों के नाम से जारी कर डीएम को उन्हें नियुक्त करने का आदेश दिया। डीएम को शक होने पर उन्होंने मामले की जांच कराई। जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया। गुरुवार को रामकोट पुलिस ने ठग को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया। आरोपी आल इंडिया वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन इंप्लाइज यूनियन का महामंत्री है। एसपी ने आरोपी पर 20 हजार का इनाम घोषित किया था।

एसओ रामकोट संजीव सोनकर ने बताया कि जनवरी में सीतापुर डीएम के पास लखनऊ से एक आदेश आया था। इसमें रामकोट इलाके में स्थित राज्य भंडारण निगम के गोदाम में कुछ लोगों को सरकारी श्रमिक के पद पर नौकरी देने को कहा गया था। ये आदेश पत्र अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, अनुसचिव सहकारिता विभाग लखनऊ शैलेंद्र कुमार, उपसचिव शिवा सिंह की ओर से उनके हस्ताक्षर से आया था। इस विभाग में इस तरह की कोई तैनाती नहीं होने के नियम के बावजूद बड़े अफसरों की ओर से आए आदेश को लेकर डीएम विशाल भारद्वाज को शक हुआ। उन्होंने मामले को एसपी आरपी सिंह के संज्ञान में लाते हुए पूरे मामले की जांच कराने के आदेश दिए। इस मामले की जांच रामकोट पुलिस को सौंपी गई। 

रामकोट थाने के दरोगा अनिल तिवारी ने लखनऊ पहुंचकर तीनों अफसरों से मिलकर जारी आदेश की प्रतियों को दिखाते हुए सच्चाई जानी तो सभी ने इस तरह का कोई भी आदेश पत्र नहीं जारी करने की बात कही। मामला हाई प्रोफाइल लोगों से जुड़ा होने की वजह से शासन ने भी इस मामले को संज्ञान में लिया। एसओ रामकोट ने बताया कि इस बीच बीते 18 जनवरी को हरदोई जिले के थाना शाहाबाद इलाके के घोरहा गांव मूल निवासी, वर्तमान पता फ्लैट नंबर 103 सुकुति इंक्लेव पुराना एआरटीओ गौतमबुद्ध मार्ग थाना कैसरबाग लखनऊ निवासी श्याम किशोर पांडेय की ओर से एक पत्र डीएम के पास आया। इसमें पूर्व में नियुक्ति के लिए आए आदेश पत्र पर एफसीआई में नियुक्ति के लिए सिफारिश की। पत्र में श्याम किशोर ने खुद को आल इंडिया वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन इंप्लाइज यूनियन का महामंत्री बताया। इस तरह का पत्र मिलने के बाद डीएम का शक और यकीन में बदल गया।
 
उधर, लखनऊ में अफसरों ने भी ऐसा आदेश जारी नहीं करने की बात कही। एसओ ने बताया कि पूरी जांच और तमाम सुबूतों को जुटाने के बाद सामने आया कि श्याम किशोर ने ही अपर मुख्य सचिव से लेकर तीनों अफसरों के नाम से फर्जी हस्ताक्षर से आदेश पत्र जारी कर फर्जीवाड़ा करने का प्रयास किया। इसी के बाद मामले में आरोपी के खिलाफ रामकोट थाने में केस दर्जकर पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। एसपी आरपी सिंह ने बताया कि गुरुवार को रामकोट पुलिस ने आरोपी श्याम किशोर पांडेय को रामकोट इलाके में हाईवे पर गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने जुर्म कुबूल किया है। एसपी ने बताया कि आरोपी को जेल भेजने की कार्रवाई की गई है।
क्षेत्रीय प्रबंधक प्रभारी ने दर्ज कराया था केस
एसओ रामकोट संजीव सोनकर ने बताया कि पूरे मामले की जांच होने और असली आरोपी के बारे में पता चलने के बाद उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निमग के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रभारी संजीव कुमार की तहरीर पर थाने में 12 फरवरी 2021 को केस दर्ज किया गया था। इसके बाद से आरोपी की तलाश की जा रही थी।

बिहार और महाराष्ट्र के लोगों को भी ठगा
एसएसआई अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि आरोपी ने सीतापुर के अलावा लखनऊ, लखीमपुर, गोंडा, बहराइच, बाराबंकी, देवरिया, इलाहाबाद, मऊ, बुलंदशहर, सहारनपुर, हरदोई, औरैया, मेरठ, मैनपुरी, बागपत, शामली, अलीगढ़, इटावा, आजमगढ़ समेत अन्य जिलों के लोगों को ठगा। इसके अलावा महाराष्ट्र और बिहार के लोगों को भी जाल में फंसाया। ठग ने किसी से एक लाख, किसी से 50 हजार रुपये लिए। वह सामने वाली की हालत देखकर उसी हिसाब से ठगता था।

पुलिस टीम में ये रहें शामिल
आरोपी को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में रामकोट थाने के एसआई अनिल कुमार तिवारी, हेड कांस्टेबल हरी लाल, सिपाही राहुल पटेल शामिल रहे। एसआई अनिल कुमार तिवारी ने ही लखनऊ जाकर अफसरों से बयान लेकर जांच की दिशा को आगे बढ़ाते हुए इस मामले को अंजाम तक पहुंचाया।

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