भाेपाल में 90 फीसदी मिठाई दुकानदारों ने मिठाईयों के आगे नहीं लिखी मैन्युफेक्चरिंग और एक्सपायरी डेट

खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने न तो दुकानदारों को समााईश दी और न ही की कार्रवाई

भोपाल:  मिठाई कारोबारी आम जनता को खराब और पुरानी मिठाईयां न बेच सकें, इसके लिए खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्रशासन नई दिल्ली (एफएसएसएआई) ने मिष्ठान व्यापारियों को शोकेस में रखी मिठाईयों के सामने मैन्युफेक्चरिंग और एक्सपायरी डेट लिखने को कहा था। यह नियम 1 अक्टूबर से प्रदेश भर में लागू हो गया, लेकिन भोपाल में इसका पालन केवल 10 प्रतिशत मिष्ठान व्यापारियों के यहां ही देखने मिला। ये मिष्ठान भंडार शहर में खासे फेमस हैं, जबकि 90 प्रतिशत मिष्ठान भंडारों ने इस नियम को हवा में उड़ा दिया। इनमें से 70 प्रतिशत तो ऐसे हैं, जो मिठाईयों के आगे उनके रेट तक नहीं लिखते हैं। ऐसे में वे एक्सपायरी और मैन्युफेक्चरिंग डेट कैसे लिखेंगे। 10 प्रतिशत लोग ऐसे भी सामने आए, जिनको अब तक नियम की ही जानकारी नहीं है। वहीं 40 प्रतिशत लोगों ने नियमों की जानकारी होने के बाद भी उसकी अनदेखी की। इधर, कुछ मिष्ठान व्यापारियों ने अपने यहां शोकेस में रखी मिठाईयों के सामने मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट दोनों नहीं लिखी थी। जब उनसे 1 अक्टूबर से लागू हुए नियम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने हामी तो भरी लेकिन कहा कि नियम का पालन आज से शुरू हुआ है। एक दो दिन में व्यवस्था कर ली जाएगी। चंद्रा स्वीट्स के संचालक का कहना है कि सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। एक दो दिन में एक्सपायरी और मैन्युफैक्चरिंग डेट के लेवल लगाए जाएंगे। वहीं महावीर स्वीट्स के संचालक का कहना है कि जब तक नोटिस नहीं आएगा, तब तक नियमों का पता नहीं चलता है। हालांकि कुछ दुकानदार नए नियमों से अपने आपको अनजान बने होना बताते रहे।

मिठाई की प्रकृति और लोकल कंडीशन के आधार पर तय होगी लूज बाई डेटखाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि मिठाईयों के आगे उसकी एक्सपायरी डेट, मिठाई की प्रकृति और लोकल कंडीशन के हिसाब से लिखना है। यदि दूध और छेने की मिठाई है तो उसकी समयसीमा कम होगी, वहीं अन्य मिठाईयों की खराब होने की समयसीमा अधिक होगी।इतनें दिन में खराब हो जाती हैं मिठाईयां

छेना वाली मिठाई – 1 दिन

बंगाली मिठाई – 1 दिन

खोपरा बर्फी – 3 दिन

मिल्क वाली मिठाई – 4 दिन

मावा मिठाई – 5 दिन

काजू कतली और काजू की अन्य मिठाई – 7 दिन

बेसन मिठाई – 8 दिन

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