भाजपा नहीं तो क्या हुआ, जय श्रीराम के हो गए पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय

पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय को छोड़कर उनका पूरा परिवार भाजपाई हो चुका है। रामवीर की भी भाजपा से नजदीकी गहरी होती जा रही है। शनिवार को जब रामवीर अपनी पत्नी का नामांकन कराने कलक्ट्रेट पहुंचे तो उनके गले में जय श्री राम लिखा हुआ दुपट्टा देकर लोग चौंक उठे। इससे साफ है कि रामवीर फिलहाल दल में नहीं हैं, लेकिन दिल में भाजपा ही बसी है।

रामवीर उपाध्याय वर्तमान में सादाबाद से बसपा के विधायक हैं, लेकिन करीब दो साल से वह पार्टी से निलंबित चल रहे हैं। सदस्यता खतरे में न पड़े, इसलिए आज तक वह किसी पार्टी में शामिल नहीं हुये। रामवीर के छोटे भाई पूर्व विधायक मुकुल उपाध्याय ने बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल होने की शुरुआत की। उसके बाद रामवीर उपाध्याय के बेटे चिरागवीर उपाध्याय ने भाजपा का दामन थाम लिया। करीब एक महीने पहले सीमा उपाध्याय और रामेश्वर उपाध्याय दोनों ने पार्टी कार्यालय पर जाकर सदस्यता ग्रहण कर ली। जबकि विनोद उपाध्याय पहले ही भाजपा से जिला पंचायत सदस्य की टिकट मांग चुके हैं।
वहीं, आधिकारिक रूप से रामवीर उपाध्याय भाजपा में शामिल नहीं हुये हैं। सूत्रों की मानें तो यह पूरी तरह से तय है कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में जाएंगे, क्योंकि उनके भाजपा से रिश्ते गहरे होते जा रहे हैं। पत्नी की जीत के लिए वह लगातार भाजपाइयों के साथ बैठकर रणनीति बनाते आ रहे हैं। शनिवार को उन्हें देखकर बिल्कुल नहीं लग रहा था कि उनका भाजपा से कोई नाता नहीं है। गले में जय श्रीराम का दुपट्टा यह संकेत दे रहा था कि रामवीर उपाध्याय अभी दल में जरूर नहीं है, लेकिन दिल में भाजपा में बसी है।

आशीष से की सीमा ने गुफ्तगू :
नगर पालिका चुनावों में आशीष शर्मा और रामवीर उपाध्याय के बीच दूरी बन गयी। जबकि आशीष को रामवीर का रणनीतिकार माना जाता था। आशीष भाजपा से चुनाव लड़े और मुकुल उपाध्याय की पत्नी रितु उपाध्याय ने बसपा से चुनाव लड़ा। इसलिए इस चुनाव के बाद दोनों के बीच दूरियां बढ़ती चली गयीं। मगर शनिवार को आशीष शर्मा अपनी भाभी सीमा उपाध्याय के नामांकन के वक्त मौजूद रहे और सीमा से नामांकन के बाद गुफ्तगू की।

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