भाजपा ने अब सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में गांधी परिवार की घेराबंदी की कोशिश की है। यहां जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) के अध्यक्ष पद पर सोनिया गांधी की जगह बगल की संसदीय सीट अमेठी से भाजपा सांसद स्मृति ईरानी का नाम घोषित किया गया है। हालांकि दिशा संगठन में सोनिया गांधी बनी रहेंगी लेकिन अब अध्यक्ष को-चेयरपर्सन के रूप में।
यहां जानकारी के लिए बताते चलें कि दिशा समिति का गठन लोकसभा चुनावों के बाद किया जाता है। यह समिति हर तीन महीने में केंद्रीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करती है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के नियमों के मुताबिक, जिले की संसदीय सीट से मौजूदा सांसद को ही दिशा कमिटी का चेयरमेन घोषित किया जाता है। चूंकि रायबरेली जिले का एक ब्लॉक अमेठी के अंतर्गत आता है इसलिए इस बार स्मृति ईरानी को दिशा को का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है। स्मृति पहले से अमेठी में इस कमेटी की कमान संभाल रही हैं।
इस बारे में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए रायबरेली के सीडीओ अभिषेक गोयल ने बताया कि यह पद 2019 से खाली था। असल में साल-2019 में देश में नई सरकार के गठन के बाद लगभग सभी जिलों में दिशा का गठन कर दिया गया था लेकिन रायबरेली में यह नहीं हो सका था। ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से दिशा के अध्यक्ष और सह अध्यक्ष का मनोनयन करने के बाद डीएम स्तर से दिशा का गठन किया जाता है। इसमें जिले के सभी विधायकों, ब्लॉक प्रमुखों और अन्य सांसदों को शामिल किया जाता है।
कायदे से रायबरेली में दिशा का गठन भी 2019 में ही हो जाना चाहिए था लेकिन अब दो साल बाद उस प्रक्रिया को पूरा किया गया है। वह भी इस बड़े फेरबदल के साथ। सोनिया गांधी लंबे समय से दिशा की अध्यक्ष थीं। अब उन्हें इस पद से हटा दिया गया है।
2004 से रायबरेली की सांसद हैं सोनिया
सोनिया गांधी 2004 से रायबरेली का प्रतिनिधित्व कर रही हैं जबकि स्मृति इरानी 2019 में ही पहली बार लोकसभा सांसद चुनी गई हैं। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को 55,000 वोटों के अंतर से हराया था।