बिहार में होली पर घर लौटने वाले प्रवासियों और कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए आज यानी मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए नई गाइडलाइन जारी कर सकता है। वहीं संक्रमण के बढ़ रहे केस के चलते एक बार फिर से कंटेनमेंट जोन बनाने का निर्णय लिया गया है।
पटना में 56 जगहों पर माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई सक्रिय मरीजों की सूची के आधार पर इसे बनाया जाएगा। संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने की जिम्मेवारी दी गई है। जिला प्रशासन का कहना है कि 24 घंटे में यदि मरीज बढ़ गए तो इसकी संख्या बढ़ सकती है। माइक्रो कंटेनमेंट जोन छोटे स्तर पर होगा। दो या चार घरों को मिलाकर एक माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। माइक्रो कंटेनमेंट जोन उसी इलाके में बनाए जाएंगे, जहां कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। पटना में जिन इलाकों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने पर विचार किया जा रहा है, उनमें कंकड़बाग, पत्रकार नगर, राजेंद्र नगर, बोरिंग रोड, खाजपुरा, गर्दनीबाग, राजा बाजार, सगुना मोड़, आदर्श नगर कॉलोनी, रुकनपुरा, सुल्तानगंज, अशोक राजपथ, फुलवारीशरीफ, खगौल, दीघा के अलावा मसौढ़ी, पालीगंज, नौबतपुर, बाढ़, बख्तियारपुर आदि इलाके शामिल हैं।
अधिकारियों का कहना है कि मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए नई गाइडलाइन जारी की जा सकती है। उसके बाद बीमारी के बचाव के लिए उपाय किए जाएंगे। बता दें कि अभी मास्क चेकिंग अभियान भी नहीं चल रहा है, जिससे लोगों की लापरवाही बढ़ती जा रही है।
सक्रिय होंगे क्वारंटाइन सेंटर
कोरोना वायरस का प्रकोप कम होने के बाद जिला प्रशासन ने क्वारंटाइन सेंटर को बंद कर दिया था, लेकिन बीमारी का प्रकोप बढ़ने के बाद एक बार फिर क्वारंटाइन सेंटर को खोलने पर विचार किया जा रहा है। इस संबंध में मंगलवार को अधिकारियों की बैठक होनी है। इसमें निर्णय लिया जाएगा कि कितने क्वारेंटाइन सेंटर को फिर से सक्रिय बनाया जाए।
प्रत्येक प्रवासी मजदूरों की होगी जांच
डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि होली के अवसर पर महाराष्ट्र, केरल एवं अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूर एवं अन्य लोग आएंगे। ऐसी स्थिति में बीमारी का प्रकोप बढ़ने का खतरा है। इसलिए गांव या प्रखंड स्तर पर कोरोना वायरस की जांच की व्यवस्था की जाएगी। बाहर से आने वाले हर व्यक्ति की एंटीजन किट से जांच की जाएगी, ताकि बीमारी की पहचान की जा सके। इसमें पंचायत प्रतिनिधियों के अलावा आंगनबाड़ी सहायिकाओं और सेविकाओं की भी मदद ली जाएगी। साथ ही पटना एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर विशेष जांच की व्यवस्था की गई है।
गांव में ही क्वारंटाइन किए जाएंगे लोग
डीएम ने बताया कि प्रवासी मजदूरों या बाहर से आने वाले लोगों में यदि बीमारी पहचान में आती है और ऐसे लोग गांव में रहते हैं तो उन्हें वहीं पर आइसोलेशन में रखा जाएगा। यदि इनमें से कोई गंभीर मरीज पाया जाता है तो उसे अस्पताल या क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती कराया जाएगा। इस संबंध में मंगलवार को विस्तृत योजना बनाई जाएगी।