बिहार में तीन चरणों में हुए विधानसभा चुनावों का परिणाम आज आने वाला है. आज राज्य की सभी 243 विधानसभाओं में डाले गए वोटों की गिनती की जानी है. इसके लिए चुनाव आयोग ने कड़ी तैयारियां की हैं. इस साल चुनाव आयोग कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए काफी ऐहतियात बरत रहा है.
बिहार में तीन चरणों में हुए विधानसभा चुनाव अब अपने अंतिम पायदान पर है. आज राज्य की सभी 243 विधानसभाओं में डाले गए वोटों की गिनती की जानी है. सभी चरणों में हुए मतदान को लेकर मतों की गिनती आज सुबह 8 बजे शुरू होगी, जिसके बाद यह तय हो जाएगा कि अगले पांच सालों तक बिहार की सत्ता किसके पास होगी. गौरतलब है कि बिहार में तीन चरण (28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर) में मतदान हुआ था.
चुनाव आयोग ने राज्य की 243 विधानसभा सीटों की मतगणना के लिए बिहार के 38 जिलों में 55 काउंटिंग सेंटर बनाए हैं. बिहार राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक पूर्वी चंपारण, सीवान, बेगूसराय और गया में तीन-तीन नालंदा, बांका, पूर्णिया, भागलपुर, दरभंगा, गोपालगंज, सहरसा में दो-दो मतगणना केंद्र बनाए गए हैं. 55 मतगणना केंद्रों में 414 हॉल बनाए गए हैं.
मतगणना केंद्रों पर सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती की जाएगी. चुनाव आयोग ने बिहार में डाक मतपत्र की गिनती को लेकर अतिरिक्त सहायक निर्वाची अधिकारी की तैनाती की है. काउंटिंग के दौरान सबसे पहले डाक मतपत्रों की ही गिनती होगी.
कोरोना प्रोटोकाल के चलते परिणामों में हो सकती है देरी
बिहार में मतगणना को लेकर चुनाव आयोग ने कड़ी तैयारियां की हैं. इस साल चुनाव आयोग कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए काफी ऐहतियात बरत रहा है. हालांकि ऐसा अनुमान है कि इस बार शुरुआती रुझानों के आने में थोड़ी देरी हो सकती है. क्योंकि इस बार कोरोना को ध्यान में रखते हुए कई चीजें बदली गई हैं. इस बार चुनाव आयोग की तरफ से मतगणना में शामिल होने वाले सभी लोगों के लिए फेस मास्क अनिवार्य किया गया है.
बता दें कि चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक काउंटिंग टेबल पर ले जाने से पहले ईवीएम की कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट को सैनिटाइज किया जाएगा. वहीं इस बार वोटिंग के दौरान मतदाताओं की संख्या कंट्रोल करने के लिए बूथों की संख्या भी काफी बढ़ाई गई थी जिस वजह से भी चुनाव परिणाम आने में देरी हो सकती है.
इसके अलावा कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट की डी सीलिंग और चुनाव परिणाम को प्रदर्शित करने के लिए मतगणना स्थल की हर टेबल पर एक ही मतगणनाकर्मी मौजूद रहेगा. उम्मीद है कि इस बार पहला रुझान सुबह 9 बजे तक आ जाएगा जबकि पहला चुनाव परिणाम सामने आने में दोपहर तीन बजे का वक्त लग सकता है.
तीन लेयर की होगी सुरक्षा व्यवस्था, सीसीटीवी से होगी निगरानी
बिहार में मतगणना केंद्र के आसपास तीन लेयर का सुरक्षा घेरा होगा. सुरक्षा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) फिर बिहार सैन्य पुलिस (बीएमपी) और फिर जिला पुलिस को तैनात किया जा रहा है. सुरक्षा के मद्देनजर मतगणना केंद्रों के आसपास बैरिकेटिंग भी की गई है. इसके अलावा काउंटिंग सेंटर में सिर्फ पासधारी को ही केंद्र में जाने की अनुमति दी जाएगी.
बिहार में वोटों की गिनती के दौरान पारदर्शिता रखने के साथ-साथ सुरक्षा और अन्य कारणों से सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. इन सीसीटीवी कैमरों की फुटेज विभिन्न दल, राजनेता और चुनाव आयोग के अधिकारी कभी भी देख सकते हैं.
बड़ी स्क्रीन पर दिखाया जाएगा रिजल्ट
चुनाव आयोग ने सभी मतगणना केंद्रों को निर्देश दिए हैं कि चुनाव परिणाम बड़े पर्दे पर प्रदर्शित किया जाएगा. चुनाव आयोग ने कहा है कि कंट्रोल यूनिट के माध्यम से प्रदर्शित होने वाले चुनाव परिणामों को बड़े पर्दे पर प्रदर्शित करने की व्यवस्था सुनिश्चित कराया जाए. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि मतगणना के दौरान वहां मौजूद रहने वाले काउंटिंग एजेंट को किन्हीं प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसलिए उन्हें पर्याप्त जगह मुहैया कराई जाए.
एग्जिट पोल में कुछ यूं नजर आया था बिहार का जनादेश
इंडिया टुडे-एक्सिस-माय-इंडिया एग्जिट पोल में बिहार का मूड महागठबंधन के पक्ष में बनता दिखाई दे रहा था. एग्जिट पोल के मुताबिक महागठबंधन को चुनावों में 139 से 161 सीटों पर जीत मिल सकती हैं, जबकि एनडीए सिर्फ 69 से 91 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है. वहीं एलजेपी को 3 से 5 सीटें मिलने का अनुमान है.
चुनाव के उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में बनी ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट (GDSF) को 3 से 5 सीटें मिल सकती हैं. जबकि पप्पू यादव के प्रयासों से बनी प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन (PDA) को एक भी सीट मिलती नजर नहीं आ रही है. वहीं अन्य के हिस्से में 3 से 5 सीटें मिल सकती हैं. एग्जिट पोल के आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि बिहार चुनावों में इस बार तेजस्वी की लहर थी और छोटे दलों का असर मतदाताओं पर कम ही पड़ा.
बिहार चुनाव में इतनी-इतनी सीटों पर लड़ी थीं पार्टियां
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में भारतीय जनता पार्टी (BJP), जनता दल यूनाइटेड (JDU), हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) शामिल है. इसमें BJP 110, JDU 115, HAM 7 तो VIP 11 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी. महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस, सीपीआई (ML), CPI और CPI (M) शामिल हैं. इनमें से आरजेडी 144, कांग्रेस 70, सीपीआई (एमएल) 16, CPI 6 और CPI (M) 4 सीट पर चुनाव लड़ रही थी.
ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट (JDSF) में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP), बहुजन समाज पार्टी (BSP), ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM), समाजवादी जनता दल लोकतांत्रिक (SJDD), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) और जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) शामिल हैं. इनमें से RLSP 99, बसपा, 78, AIMIM 20, SJDD 19, SBSP 2, JP(S) 5 सीटों पर चुनाव लड़ रही थीं.
प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन (PDA) में पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी (JAP), बहुजन मुक्ति पार्टी (BMP), सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI), आजाद समाज पार्टी (ASP) शामिल हैं. इनमें से JAP 152, BMP 45, SDPI 12 और ASSP 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही थीं.
इस चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) एनडीए से अलग होकर 135 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. जबकि अन्य में शामिल पुष्पम प्रिया की प्लूरल्स पार्टी 102, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) 81, शिवसेना 22, राष्ट्रीय जन-जन पार्टी (RJJP) 45 सीट, भारतीय सब लोग पार्टी (BSLP) 57 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी.