बाहुबली मुख्तार अंसारी के पेरोल पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

मुख्तार अंसारी को बड़ा झटका देते हुए दिल्‍ली हाइकोर्ट ने निचली अदालत से उसे मिली पेरोल पर रोक लगा दी। अब बसपा नेता मुख्तार अंसारी आगामी चरणों में अपनी पार्टी के लिए प्रचार नहीं कर पाएंगे। 
 

election-commision_1477413570बता दें कि चुनाव आयोग ने इस संबंध में दिल्‍ली हाइकोर्ट से मुख्तार अंसारी की पेरोल पर रोक लगाने की मांग की थी जो निचली अदालत की ओर से उन्हें चुनाव प्रचार के लिए दी गई थी। जिस पर सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रख लिया था। मामले में अंसारी की तरफ से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और दिग्‍गज वकील कपिल सिब्बल और सलमान खुर्शीद पैरवी कर रहे थे। 

बता दें कि हाल ही में अपनी पार्टी कौमी एकता दल का मायावती की बसपा में विलय करने वाले मुख्तार अंसारी मऊ जिले की की मोहम्मदाबाद सीट से चुनाव मैदान में हैं। वह उनकी परंपरागत सीट है। यहां से वह बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। 

उनके ऊपर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिसके चलते वह लंबे समय से जेल में बंद थे। मुख्तार पर कुल 13 आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। इन मुकदमे में हत्या, मारपीट, हत्या के प्रयास सहित गैंगस्टर आदि के विभिन्न जनपदों के मुकदमे शामिल हैं। 

सीबीआई कोर्ट ने दिया था 15 दिन का पेरोल, आयोग ने किया था विरोध

कुछ दिन पहले ही दिल्ली की सीबीआई अदालत ने चुनाव प्रचार के लिए मुख्तार अंसारी को 15 दिन का पेरोल दिया था। इसी पेरोल के खिलाफ चुनाव आयोग दिल्‍ली हाइकोर्ट चला गया था और इस पर रोक लगाने की मांग की थी। 

हालांकि मुख्तार की पैरवी करने के मामले में कपिल सिब्बल ने दलील दी थी कि ‘ये पूरी तरह से व्यावसायिक था, इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। एक वकील की हैसियत से मैं टीएमसी, एसपी, बीएसपी, कांग्रेस और बीजेपी जैसी कई पार्टियों और उनके नेताओं के लिए कोर्ट में पेश हो चुका हूं। यहां मुद्दा ये था कि निचली अदालत ने चुनाव प्रचार के लिए परोल दे दी थी, जबकि हाईकोर्ट ने रोक लगा दी जिसकी वजह से एक उम्मीदवार को चुनाव प्रचार में जाने का मौका नहीं मिल रहा है।’ 

हालांकि एक वकील के तौर पर केस लड़ रहे कांग्रेसी नेताओं पर किसी को कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए लेकिन जब यूपी में कांग्रेस-सपा गठबंधन में हैं और मुख्तार अंसारी उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं तो ऐसे में राजनीतिक हलकों में चर्चाएं गरम होना लाजिमी है।

 
 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com