बजट 2017: विकास की किरणें गांव से कोसो दूर

IMG_20161114_184553अशोक कुमार गुप्ता सम्पादक (LNT),लखनऊ :हर सरकार हर बजट में गांवों पर खास ध्यान देने का दावा करती है। कहा जाता है कि गांवों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए वहां की सड़कों को पक्का किया जाएगा। हर बजट में ग्रामीण सड़कों के नाम पर करोड़ों-अरबों का आवंटन भी होता है। लेकिन जब हमने  जमीनी हकीकत जानने के लिए ऐसे गांवों की सड़क पर उतरे, तो उन्हें मिले कच्चे रास्ते और दिक्कतों से जूझते लोग।

उत्तर प्रदेश का सरथूआ  गांव देश के दूसरे लाखों गांवों की ही तरह है। बस, इसे एक चीज बाकी गांवों से अलग करती है वो ये कि गांव देश की सबसे बड़े सूबे के राजधानी लखनऊ से सिर्फ 15 किलोमीटर दूर है और गोमती नगर एक्स्टेंशन  के रियल एस्टेट हब से सटा हुआ है। लेकिन यहां की सड़कें आपको इस बात का अहसास नहीं होने देंगी कि विकास की किरणें इस गांव में पहुंच भी रही हैं। टूटी सड़कों के कारण दुर्घटनाएं यहां आम बात हैं और मुश्किल ये कि अगर किसी मरीज को अस्पताल पहुंचाने की जरूरत पड़े तो इन सड़कों से एंबुलेंस भी ना आ पाए।

सरथुआ लखनऊ विकास प्राधिकरण  के अंदर आता है, लेकिन शायद प्राधिकरण का पूरा ध्यान अरबों के रियल एस्टेट बाजार से राजस्व की उगाही करने पर है। ऐसे में सरथुआ  जैसे गांवों की सड़क ठीक करने का काम काफी पीछे छूट गया है। हमने सरथुआ  के अलावा एक और गांव शाहपुर का भी जायजा लेने का फैसला किया। बांसडीह ब्लाक से २  किलोमीटर दूर इस गांव की सड़कों की हालत भी कोई उम्मीद नहीं जगा रही थी।
लखनऊ विकास प्राधिकरण से सिर्फ1 5 किलोमीटर दूर है सरथुआ और इस गांव की सड़क तीन गांवों को जोड़ती है। गांव में बने सड़क को 3 साल हो गए लेकिन हालत ऐसी कि लोगों की दिक्कतें कम होने के बजाय बढ़ ही गई हैं। सरथुआ और शाहपुर  जैसे गांवों की ये हालत तब है, जब हर साल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के नाम पर बजट में अरबों रुपये आवंटित किए जाते हैं।
पिछले बजट में इस योजना के लिए 19,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। इस साल भी ये रकम बढ़ जाएगी, लेकिन ये रकम कच्चे रास्तों को पक्की सड़क में कितना बदल पाती है, इसका जायजा लेने वाला शायद कोई नहीं है।

विधायक के गाँव की हकीकत 

ASD-620x330लखनऊ    ”   काकोरी। मलिहाबाद विधान सभा की जनता विधायक इंदल रावत के  विकास की अनोखी कार्य शैली से हैरत में है।लोग सोचने पर मजबूर है कि आखिर ये कैसा विकास है।दरअसल विधायक इंदल रावत ने क्षेत्र में बिना सड़क का निर्माण कराये शिलान्यास का पत्थर लगवा दिया है।और उस शिलान्यास पत्थर का  फूल माला के साथ उद्घाटन भी कर दिया जबकि शिलान्यास के कई दिन बाद भी सड़क पर कोई निर्माण कार्य नही किया। वही एक गाव में शिलान्यास का पत्थर भी तोड़ डाला गया।
इमिलिहा गाव के मोड़ पर गाव के लिए गयी सड़क पर बीती दिसंबर में सड़क निर्माण के शिलान्यास के पत्थर का उद्घाटन मालिहाबाद विधायक इंदल रावत द्वारा किया गया। इस पत्थर पर यह अंकित है कि मलिहाबाद विधायक इंडल रावत के विशेष प्रयास से काकोरी तिलसुआ मार्ग से इमिलिहा खेड़ा होते हुए सराय अलीपुर सम्पर्क मार्ग के पुनः निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया ।कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग है ।जबकि सड़क पर कोई भी निर्माण कार्य नही किया गया ।करीब एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई निर्माण कार्य नही शुरू हो सका है। इमिलिहा गाव के 55 वर्षीय चंदीलाल व मोलहे ने बताया कि यह सम्पर्क मार्ग इमिलिहा ,नहर की पुलिया से होते हुए सराय अलीपुर गाव तक गया है ।जो करीब 3 किमी लंबा है ।यह सड़क बहुत बदहाल व जर्जर है। शिलान्यास हो गया है लेकिन कोई भी निर्माण कार्य नही हुआ है ।

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