बिहार सरकार द्वारा शुल्क निर्धारित करने के बावजूद पटना के निजी अस्पताल कोरोना संक्रमित मरीजों से बड़ी राशि वसूल रहे हैं। इसके लिए वे बेड चार्ज से लेकर जांच और यहां तक कि पीपीई किट के लिए हजारों रुपये अलग से वसूल रहे हैं। बैंक रोड स्थित तारा हॉस्पिटल में एक मरीज के परिजन से सिर्फ पीपीई किट के लिए 56 हजार रुपये वसूले।
मरीज महाराजगंज के सीएमओ डॉ. राजेश्वर प्रसाद सिन्हा थे। गुरुवार को अस्पताल ने उनको मृत घोषित कर परिजनों को शव सौंपा। शव सौंपने से पहले तीन लाख 33 हजार 500 रुपये वसूले गए। इसमें 56 हजार केवल पीपीई किट के लिए वसूले गए हैं।
यही नहीं, तीन मई के बाद मरीज की कोई रिपोर्ट परिजनों को नहीं दी जा रही थी। तीन मई के बाद की सारी दवाइयां दुकान पर लौटाई गई। अचानक छह मई को पैसा जमा कर शव ले जाने के लिए कहा जाने लगा। जबकि तीन दिन पहले उनकी हालत में सुधार की बात कही जा रही थी। इसकी भी शिकायत गांधी मैदान थाने से की गई।
थाने से जांच के लिए टीम तारा हॉस्पिटल गई भी थी लेकिन वहां फोन पर किसी से बात कर लौट गई। हॉस्पिटल के कर्मियों द्वारा शव एंबुलेंस के जो नंबर उपलब्ध कराए, वह बांसघाट जाने के लिए छह हजार रुपये की मांग कर रहा था। अस्पताल से बांसघाट की दूरी डेढ़ से दो किमी है।