डीजल की कीमतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बुधवार को पटना में डीजल की कीमत 86.57 और पेट्रोल की कीमत 93.25 रुपये हो गई। लगातार बढ़ते डीजल के दाम को देखते हुए महंगाई (inflation in Bihar) और बढ़ने को लेकर आशंका बढ़ गई है। ट्रांसपोर्टर (transporters) मालभाड़ा बढ़ाने की चेतावनी (increasing 20 percent freight) दे रहे हैं।
बिहार राज्य ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन बीस प्रतिशत तक मालभाड़ा में इजाफा करने की बात कह रहा है। दूसरी तरफ ढुलाई की कीमत बढ़ते ही एक बार फिर सामान की कीमत में उछाल आना तय है।
बिहार राज्य खाद्यान्न व्यवसायी संघ के महामंत्री नवीन कुमार कहते हैं कि पहले से ही ढुलाई लागत बढ़ने के कारण दाल, तेल सहित कई चीजों की कीमत बढ़ चुकी है। फिर से मालभाड़ा बढ़ा तो दाल, तेल सहित राज्य के बाहर से आने वाली उपयोग की अन्य वस्तुओं के दाम में इजाफा होना तय है।
मीटिंग में निर्धारित होगी रणनीति :
लगातार बढ़ते डीजल और पेट्रोल की कीमतों को देखते हुए मालवाहक और यात्रीवाहक गाड़ियों के मालिक मीटिंग कर अपनी विरोध की रणनीति तैयार करने में जुटे हैं। ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्टर फेडरेशन के महासचिव राजकुमार झा कहते हैं कि लगातार बढ़ते पेट्रोल और डीजल की कीमतों के विरोध में ऑटो चालक 26 फरवरी को सड़क पर उतरेंगे। वे केंद्र और राज्य सरकार से तत्काल डीजल-पेट्रोल की कीमतों पर अंकुश लगाने की मांग कर रहे हैं।
बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के उदय शंकर सिंह कहते हैं कि बसों आदि की कीमत बढ़ाने के लिए 28 फरवरी को बैठक किया जा रहा है। सबकुछ ठीक रहा तो 15 मार्च 2021 से भाड़ा बढ़ोतरी हो सकती है। जबकि बिहार राज्य ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के भानुशेखर कहते हैं कि डीजल की कीमतें कम नहीं हुई तो बीस प्रतिशत तक मालभाड़ा बढ़ाने पर विचार हो रहा है। भाड़ा हर कीमत पर लागू होगी, इसके लिए जरूरत हुआ तो ट्रक चालक असहयोग आंदोलन भी चलाएंगे।
जीएसटी के दायरे में लाएं डीजल-पेट्रोल :
पेट्रोल और डीजल की महंगाई से निजात के लिए व्यापारी और ट्रांसपोर्टर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग कर रहे हैं। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि राज्य सरकार एक्साइज ड्यूटी और वैट में राहत प्रदान करें और केंद्र से भी उन्हें टैक्स में राहत दी जाए। जिससे पेट्रोल और डीजल की कीमत कम होने के साथ-साथ लोगों को महंगाई से राहत मिले।