राजधानी पटना में सरस्वती पूजा पर इस बार डीजे नहीं बजेगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए अनुमति लेनी होगी। इस बार गंगा नदी में मूर्ति का विसर्जन नहीं किया जाएगा। जिला प्रशासन ने नगर निगम को निर्देश दिया है कि कृत्रिम तालाब में विसर्जन कराएं।
साथ ही पूजा के अगले दिन यानी 17 फरवरी के दिन में ही मूर्ति का विसर्जन करना होगा। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद जिला प्रशासन ने सरस्वती पूजा के लिए गाइडलाइन जारी की है। शिक्षण संस्थानों जैसे-स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान में पूजा के आयोजन की अनुमति दे दी है। इस दौरान कोविड-19 के नियमों का पालन होगा।
डीएम ने विश्वविद्यालय प्रशासन एवं कॉलेज प्रशासन को निर्देश दिया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए ऐसे किसी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं कराएं, जिसमें डीजे का इस्तेमाल हो। भीड़-भाड़ नहीं हो। जहां पूजा-पाठ हो, वहां सैनेटाइजर, मास्क आदि का प्रयोग कराया जाए। डीएम ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। इसीलिए सुरक्षा की दृष्टि से इसका आयोजन बहुत जरूरी है।
डीएम ने सभी एसडीओ, डीएसपी एवं थाना प्रभारियों को निर्देश दिया है कि अपने-अपने क्षेत्र में शांति समिति की बैठक करें। पूजा समितियों को आदेश का अनुपालन करने के लिए कहें। डीएम ने बताया कि सरस्वती पूजा के दौरान कहीं भी ऐसे कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिसमें अधिक भीड़भाड़ हो। नगर निगम मूर्ति विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाब बनाएगा।
अश्लील गाना बजाने पर पूर्णतया रोक है । इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए अनुमति लेने का निर्देश दिया गया है। कोविड के वर्तमान दौर में सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ -भाड़ नहीं लगाना है। इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग एवं अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश थाना प्रभारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी को दिया गया है। साथ ही सभी एसडीओ एवं एसडीपीओ भी इसकी मॉनिटरिंग करेंगे।
जुलूस के लिए रूट तय किए जाएंगे
असामाजिक तत्वों पर पुलिस की विशेष नजर रखी जाएगी। जिलाधिकारी ने जुलूस का रूट तय करने, शांति व्यवस्था बनाए रखने तथा आवश्यक निरोधात्मक कार्रवाई करने का सख्त निर्देश दिया है। सामाजिक तनाव पैदा करने वाले, सामाजिक सद्भाव भंग करने वाले, सामाजिक विद्वेष पैदा करने वाले असामाजिक एवं उपद्रवी तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पूजा के शांतिपूर्ण आयोजन तथा विधि व्यवस्था संधारण हेतु जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की जाएगी।
प्रशासन के महत्वपूर्ण निर्देश:
– गंगा नदी में मूर्ति विसर्जन पर रोक रहेगी।
– कृत्रिम तालाबों में ही विसर्जन होगा।
– 17 फरवरी को दिन में ही होगा विसर्जन।
– किसी तरह के आयोजन के लिए प्रशासन से लेनी होगी अनुमति।
– पूजा पाठ के दौरान कोविड-19 के मानकों का करना होगा अनुपालन।