नीतीश की नल-जल योजना के ठेकेदारों पर रेड, आरजेडी बोले- ये बीेजेपी का गेम है

इस छापेमारी से चिराग पासवान के आरोपों को बल मिल रहा है तो दूसरी तरफ जेडीयू का कहना है कि यह भ्रष्ट्रचार का मामला नहीं बल्कि टैक्स चोरी का मामला है और यह स्वागत योग्य है. उधर आरजेडी का कहना है कि ये सब बीजेपी का गेम है ताकि नीतीश कुमार बेनकाब हो सकें.


बिहार में नल-जल योजना के तहत काम कर रहे ठेकेदार के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी से चुनावी राजनीति तेज हो गई है. लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान लगातार बिहार में नल जल योजना में भ्रष्ट्राचार का मुद्दा उठा रहे हैं.
इस छापेमारी से चिराग पासवान के आरोपों को बल मिल रहा है तो दूसरी तरफ जेडीयू का कहना है कि यह भ्रष्ट्रचार का मामला नहीं बल्कि टैक्स चोरी का मामला है और यह स्वागत योग्य है. उधर आरजेडी का कहना है कि ये सब बीजेपी का गेम है ताकि नीतीश कुमार बेनकाब हो सकें.
आयकर विभाग ने बिहार में नल-जल योजना का काम कर रहे दो बड़े ठेकेदारों के ठिकाने पर छापेमार कर 2.28 करोड़ रुपये बरामद किए हैं. चुनाव आयोग का कहना है कि स्वच्छ एवं पारदर्शी चुनाव कराने के लिए कई इंफोर्समेंट एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं. इसके तहत करीब एक दर्जन ठेकेदारों के यहां छापेमारी की गई. इनमें से दो नलजल योजना से जुडे हैं.

चिराग पासवान उठाते रहे हैं भ्रष्टाचार का मुद्दा

चिराग पासवान लगातार नल-जल योजना में भ्रष्ट्राचार का मुद्दा उठा रहे हैं. तेजस्वी यादव इसको लेकर लगातार हमलावर हैं. इस छापेमारी से उनके आरोपों को बल मिला. हालांकि, जेडीयू का कहना है कि यह भ्रष्ट्रचार का नहीं बल्कि ठेकेदार के टैक्स चोरी का मामला है. पार्टी के प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि आयकर की यह कार्रवाई स्वागत योग्य है. सबसे बड़ी बात है कि भ्रष्टाचार के सवाल पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर नीतीश कुमार के नेतृत्व में 15 साल से काम हुआ है.

राजीव रंजन ने कहा कि ये प्रश्न नल-जल योजना की गुणवत्ता से जुड़ा हुआ नहीं है. ये टैक्स की चोरी का मामला है, और ये स्वागत योग्य कार्रवाई, क्योंकि कोई भी व्यक्ति या समूह टैक्स की चोरी में संलिप्त पाया जाता है तो कार्रवाई होनी चाहिए. इस कार्रवाई का पार्टी स्वागत करती है, लेकिन आरजेडी और एलजेपी जैसी पार्टियां इसे योजना की गुणवत्ता को जोड़कर देख रही है तो ये दुर्भाग्यपूर्ण है.

जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि 58 वर्षों तक कांग्रेस और आरजेडी की सरकार थी और लोगों की मूलभूत सुविधा भी पूरी नही हो पाई. इसकी जवाबदेही स्वीकार करने के बजाय ऐसी योजना पर सवाल खड़े करने वाले लोगों को कुछ न कुछ सियासत ढूंढने की गुंजाइश रहती है. लेकिन जनता सब कुछ जानती है, गुणवत्ता से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, ये सरकार का संकल्प है. सवाल है कि जिनका अतीत ही भ्रष्टाचार से जुड़ा हो, उसे भ्रष्टाचार पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है.

जेडीयू भले ही इसे टैक्स चोरी का मामला बताकर स्वागत कर रही है. लेकिन छापेमारी की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. हालांकि बरामद रकम बहुत ज्यादा नहीं है. 

बिहार में नीतीश कुमार ने सात निश्चय के तहत घर घर नल का जल पहुंचाने के लिए इस योजना की शुरुआत की थी. लेकिन कई जगहों से इसके काम में गुणवत्ता को लेकर शिकायतें आई हैं. कई जगह यह योजना अच्छी चल रही है तो कई जगहों पर इसमें भ्रष्टाचार की शिकायतें भी आई हैं. इसे लेकर चिराग पासवान लगातार भ्रष्ट्रचार के मामले उठाते रहे हैं. 

तेजस्वी बोले- हमारी सरकार आई तो करेंगे कार्रवाई

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का कहना है कि जिस तरह से नल-जल से जुड़े ठेकेदारों के यहां इनकम टैक्स का छापा पड़ा है, उससे साफ है कि इस योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. महागठबंधन की सरकार बनेगी तो घोटालेबाजों पर कार्रवाई की जाएगी. 

आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि चिराग पासवान लगातार करप्शन का आरोप लगा रहे हैं. तेजस्वी यादव भी कह रहे हैं कि नल-जल योजना भ्रष्टाचार का केंद्र बना हुआ है. चिराग पासवान यहां तक कह चुके हैं कि यदि करप्शन मिला तो नीतीश कुमार को जेल जाना होगा. 

मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि ये सीधा बीजेपी का खेल है. यह मुख्यमंत्री को समझ आ गया होगा. चिराग पासवान ने जैसे ही कहना शुरू किया, बीजेपी ने खेल शुरू कर दिया. अब बीजेपी का चाल चरित्र चेहरा नीतीश कुमार से अच्छा कौन जानता है. धीरे धीरे शुरू करके भ्रष्टाचार तक जाएंगे. टैक्स चोरी का मामला अभी तक नहीं था और जब चिराग पासवान ने सवाल खड़ा किया तो फिर शुरू हो गया. ये पूरा गेम बीजेपी का है.

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