प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के आरोप में संजीवनी बिल्डकॉन की 55.57 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त की है। जब्त संपत्ति में रांची और अन्य इलाकों में स्थित 98 अचल संपत्तियां और रायपुर में तीन वाणिज्यिक दुकानें शामिल हैं। इसके अलावा संजीवनी बिल्डकॉन प्राइवेट के नाम से फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में बैंक बैलेंस भी शामिल हैं।
संजीवनी बिल्डकॉन पर जमीन के प्लॉट बेचने के नाम पर निवेशकों के साथ 500 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है। संजीवनी बिल्डकॉन कंपनी से जुड़े प्रमुख लोगों में जयंत दयाल नंदी, अनीता दयाल नंदी, श्यामकिशोर गुप्ता और रंजना श्रीवास्तव शामिल हैं। ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, अचल संपत्ति पर बोर्ड लगाकर उसकी बिक्री पर रोक लगा दी गयी है। साथ ही इस संबंध में राजस्व विभाग को भी सूचना दी गयी है। वहीं जयंत दयाल नंदी के बैंक खातों में जमा पैसे के ट्रान्जेक्शन पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गयी है।
क्या है मामला
संजीवनी बिल्डकॉन पर यह भी आरोप है कि उसने राजधानी रांची के रातू, नगड़ी, ओरमांझी और नामकुम में गलत तरीके से जमीन खरीदी थी। कंपनी पर एक ही जमीन को कई-कई लोगों को फर्जी तरीके से बेचने का आरोप है। यह घोटाला वर्ष 2012 में उजागर हुआ था। इस मामले में रांची के अलावा झारखंड के विभिन्न हिस्सों में कुल 32 मामले दर्ज हुए थे। सीबीआई ने इस मामले को 2014 में अपने हाथ में लिया था। धोखाधड़ी का मामला उजागर होने पर सीबीआई ने इसकी जांच शुरू की। सीबीआई की ओर से दर्ज प्राथमिकी के अधार पर ईडी ने भी जांच शुरू की। संपत्ति जब्ती की यह कार्रवाई इस कंपनी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। वर्ष 2019 के फरवरी महीने में भी ईडी ने संजीवनी बिल्डकॉन की तीन करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त की थी। इस घोटाले का मास्टर माइंड माना जाने वाला जयंत दयाल नंदी अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है।
जारी हो चुका है रेड कॉर्नर नोटिस
जयंत दयाल नंदी 2012 में जालसाजी का मामला सामने आने के बाद से ही फरार है। जयंत दयाल नंदी के पहले मलेशिया फिर नेपाल में छिपे होने की सूचनाएं एजेंसियों को मिलती रही हैं। सीबीआई ने जयंत की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल की मदद मांगी थी। जयंत की गिरफ्तारी के लिए रेड कॉर्नर नोटिस तक जारी हो चुका है। जयंत दयाल नंदी की दोनो पत्नियां अनिता और अनामिका नंदी पूर्व में जालसाजी के केस में जेल जा चुकी हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के आरोप में संजीवनी बिल्डकॉन की 55.57 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त की है। जब्त संपत्ति में रांची और अन्य इलाकों में स्थित 98 अचल संपत्तियां और रायपुर में तीन वाणिज्यिक दुकानें शामिल हैं। इसके अलावा संजीवनी बिल्डकॉन प्राइवेट के नाम से फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में बैंक बैलेंस भी शामिल हैं।
संजीवनी बिल्डकॉन पर जमीन के प्लॉट बेचने के नाम पर निवेशकों के साथ 500 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है। संजीवनी बिल्डकॉन कंपनी से जुड़े प्रमुख लोगों में जयंत दयाल नंदी, अनीता दयाल नंदी, श्यामकिशोर गुप्ता और रंजना श्रीवास्तव शामिल हैं। ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, अचल संपत्ति पर बोर्ड लगाकर उसकी बिक्री पर रोक लगा दी गयी है। साथ ही इस संबंध में राजस्व विभाग को भी सूचना दी गयी है। वहीं जयंत दयाल नंदी के बैंक खातों में जमा पैसे के ट्रान्जेक्शन पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गयी है।
क्या है मामला
संजीवनी बिल्डकॉन पर यह भी आरोप है कि उसने राजधानी रांची के रातू, नगड़ी, ओरमांझी और नामकुम में गलत तरीके से जमीन खरीदी थी। कंपनी पर एक ही जमीन को कई-कई लोगों को फर्जी तरीके से बेचने का आरोप है। यह घोटाला वर्ष 2012 में उजागर हुआ था। इस मामले में रांची के अलावा झारखंड के विभिन्न हिस्सों में कुल 32 मामले दर्ज हुए थे। सीबीआई ने इस मामले को 2014 में अपने हाथ में लिया था। धोखाधड़ी का मामला उजागर होने पर सीबीआई ने इसकी जांच शुरू की। सीबीआई की ओर से दर्ज प्राथमिकी के अधार पर ईडी ने भी जांच शुरू की। संपत्ति जब्ती की यह कार्रवाई इस कंपनी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। वर्ष 2019 के फरवरी महीने में भी ईडी ने संजीवनी बिल्डकॉन की तीन करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त की थी। इस घोटाले का मास्टर माइंड माना जाने वाला जयंत दयाल नंदी अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है।
जारी हो चुका है रेड कॉर्नर नोटिस
जयंत दयाल नंदी 2012 में जालसाजी का मामला सामने आने के बाद से ही फरार है। जयंत दयाल नंदी के पहले मलेशिया फिर नेपाल में छिपे होने की सूचनाएं एजेंसियों को मिलती रही हैं। सीबीआई ने जयंत की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल की मदद मांगी थी। जयंत की गिरफ्तारी के लिए रेड कॉर्नर नोटिस तक जारी हो चुका है। जयंत दयाल नंदी की दोनो पत्नियां अनिता और अनामिका नंदी पूर्व में जालसाजी के केस में जेल जा चुकी हैं।