राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा अपनी पूरी पार्टी के साथ जदयू में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत जदयू के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में रविवार को उपेन्द्र कुशवाहा ने खुद जदयू में शामिल होने की घोषणा की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद उपेन्द्र कुशवाहा का जदयू में गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। लगे हाथ रिटर्न गिफ्ट के तौर पर नीतीश कुमार ने उन्हें तत्काल प्रभाव से बड़ा जिम्मा दिये जाने का एलान किया।
कहा, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने पत्र भेज दिया है। उपेन्द्र कुशवाहा आज और अभी से जदयू के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष बनाए गए हैं। हमारे बहुत पुराने साथी हैं उपेन्द्र कुशवाहा। उनका और उनके साथ आए लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। हमलोग पहले भी एक थे और आगे भी एक रहेंगे। मिलकर विकास का कार्य करेंगे। लोग क्या-क्या कह रहे थे, अकेले रह गए हैं कुशवाहा, देखें कितने लोगों के साथ आए हैं। आश्वस्त किया कि उपेन्द्र कुशवाहा के साथ आए लोगों को जदयू में स्नेह और मान दोनों मिलेगा।
रालोसपा का वजूद भी खत्म
विलय के साथ ही रालोसपा (वर्ष 2013 में बनी) का वजूद भी खत्म हो गया। जदयू मुख्यालय के कर्पूरी सभागार में हुए इस मिलन समारोह ने उपेन्द्र कुशवाहा ने जब अपनी पार्टी के मर्जर की घोषणा की तो सभागार में पहले से मौजूद जदयू के वरिष्ठ नेताओं-कार्यकर्ताओं संग मिलन को आए रालोसपा के नेताओं ने भी तालियों की गड़गड़ाहट से इस एलान का स्वागत किया।
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा, वे अपने घर में आए
मौके पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि वे अपने घर में आए हैं। इसी की मिट्टी में खेल-कूद कर उपेन्द्र कुशवाहा बड़ा हुआ है। आज का मिलन तो सिर्फ औपचारिकता थी। विधानसभा चुनाव में जनता का सीधा जनादेश आया कि नीतीश कुमार के साथ जाकर काम करो। जो जमात मेरे साथ थी अब नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम करेगी। जब हमने अलग दल बनाया तो कई उतार-चढ़ाव देखे। हमलोगों ने साथ लम्बा संघर्ष किया है। मौका पाकर घर की तिजोरी भरने का मुंगेरी लाल का सपना देख रहे लोगों के मंसूबे को पूरा नहीं होने देंगे। जदयू को फिर से नम्बर-1 पार्टी बनाना है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उपेन्द्र जी ने भले कहा कि उनकी कोई ख्वाहिश नहीं है। पर आपकी बड़ी प्रतिष्ठा, हैसियत और इज्जत है। पार्टी में आपका सम्मान तो होगा ही, बड़ी जिम्मेदारी भी दी जा रही है। आप पार्टी के वरिष्ठ नेता के तौर पर काम करेंगे। पार्टी को मजबूत करेंगे। हम साथ मिलकर बिहार, समाज व देश को आगे बढ़ायेंगे।
वहीं विलय पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि बिना कोई शर्त हमने नीतीश जी के नेतृत्व में बिहार की सेवा करने का फैसला किया है। जहां वे जरूरत समझेंगे, जो जिम्मा देंगे-नहीं देंगे, हम काम करेंगे। जो लोग भी मेरे साथ थे, अब जदयू के हो गए हैं। अपने जीवन का शेष समय अब जनता की सेवा नीतीश कुमार के नेतृत्व में करूंगा।