क्रय केंद्रों पर एक बार में अधिकतम 30 क्विंटल गेहूं बेच सकेंगे किसान

इससे ज्यादा गेहूं बेचने के लिए दूसरे दिन लगाना होगा फिर चक्कर
लखीमपुर खीरी। गेहूं क्रय केंद्रों पर किसानों से गेहूं खरीद के संबंध में शासन स्तर से बृहस्पतिवार को नया नियम लागू किया गया है। नए नियम के मुताबिक, अब प्रतिदिन प्रत्येक किसान से अधिकतम 30 क्विंटल ही गेहूं खरीदा जा सकेगा। अगर इससे ज्यादा गेहूं होता है तो शेष गेहूं को बेचने के लिए किसान को अगले दिन फिर क्रय केंद्र पर तौल करानी होगी। नए नियम के पीछे सरकार की मंशा है कि इससे छोटे किसानों को क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने में आसानी होगी और ज्यादा किसान एमएसपी का लाभ उठा सकेंगे।
गेहूं खरीद से संबंधित नए नियम की जानकारी बृहस्पतिवार को ही क्रय केंद्र पर तौल कराने पहुंचे किसानों को हुई, वह 30 क्विंटल से ज्यादा गेहूं लेकर पहुंचे हुए थे। केंद्र प्रभारियों ने सिर्फ 30 क्विंटल ही गेहूं तौल कराने की बात कही। उन्होंने शेष गेहूं को अगले दिन बेचने के लिए कहा। इससे किसान परेशान नजर आए, क्योंकि किसान ट्रॉलियों में करीब 60 से 100 क्विंटल तक गेहूं लेकर आए थे।

इस दौरान मंडी में क्रय केंद्रों की जांच करने आए आरएफसी संतोष कुमार ने भी किसानों को नए नियम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब प्रत्येक किसान से अधिकतम 30 क्विंटल गेेेहूं की खरीद एक दिन में की जाएगी। इससे छोटे किसानों को गेहूं बेचने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि ज्यादातर बड़े किसान गेहूं बेच चुके हैं और अब कुछ किसान गांवों से खरीदकर ज्यादा मात्रा में गेहूं बेचने के लिए क्रय केंद्रों पर आ रहे हैं। ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने के लिए ही शासन ने यह निर्णय लिया है।
इस दौरान मंडी में मौजूद किसानों ने आरएफसी से इस फैसले पर विरोध जताया और इसे वापस लेने की मांग की। किसानों ने कहा कि इस नए नियम से तो ट्रैक्टर-ट्रॉली का भाड़ा कई गुना बढ़ जाएगा और गेहूं बेचने में समय भी काफी लगेगा। आरएफसी ने किसानों की मांग पर असमर्थता जाहिर करते हुए इसे शासन का फैसला बताया। हालांकि उन्होंने किसानों की बात शासन स्तर तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
क्रय केंद्र पर 1600 रुपये में खरीदते हैं गेहूं
मंडी समिति राजापुर के क्रय केंद्र पर निघासन के गांव मझरा पूरब से गेहूं बेचने आए किसान सतनाम सिंह ने अधिकतम 30 क्विंटल गेहूं बेचने के नियम को गलत बताया। किसान ने आरएफसी को बताया कि 100 क्विंटल गेहूं बेचने के लिए 50 किमी दूर से आए हैं, जिसे बेचने में नए नियम के मुताबिक चार दिन लगेंगे। इससे भाड़ा कई गुना अधिक हो जाएगा, जिससे गेहूं की लागत भी वसूल नहीं हो पाएगी। आरएफसी ने अपने नजदीकी क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए कहा तो किसान ने बताया कि झिन्नापुरवा में खुले क्रय केंद्र के प्रभारी 1600 रुपये में गेहूं खरीदते हैं। इसके अलावा तिकुनिया मंडी में क्रय केंद्रों पर खरीद नहीं हो रही हैै।
पीसीयू के 33 क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद बंद
लखीमपुर खीरी। सरकारी गेहूं खरीद में लगी एजेंसी पीसीयू अब गेहूं खरीद नहीं करेगी, क्योंकि शासन स्तर से रोक लगा दी गई है। बताते हैं कि पीसीयू पर किसानों का करोड़ों रुपये बकाया हो चुका है, जिसका समय से भुगतान न करने के कारण एजेंसी की गेहूं खरीद पर रोक लगा दी गई है। जनपद में पीसीयू के 33 क्रय केंद्र संचालित हो रहे थे, जिन पर बृहस्पतिवार से खरीद बंद कर दी गई है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी लालमणि पांडेय ने बताया कि पीसीयू पर किसानों का करीब 12 करोड़ रुपये भुगतान बकाया है। ऐसे ही अन्य जनपदों में भी गेेहूं मूल्य बकाया होने के चलते शासन ने पीसीयू के गेहूं क्रय केंद्रों को बंद करने के आदेश दिए हैं।

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