कोरोना मरीजों के आगे कम पड़ गए सरकारी इंतजाम, हर कोई परेशान

आप कोरोना संक्रमण से बचे हैं तो ऊपर वाले का शुक्र मनाएं और जब तक जरूरी न हो घर से न निकलें। ईश्वर न करें कि आप या आपका कोई करीबी कोरोना की चपेट में आए जाए और ऑक्सीजन की जरूरत पड़े क्योंकि इस महामारी के आगे प्रशासन के सभी इंतजाम कम पड़ गए हैं। गंभीर को तमाम सिफारिस के बाद भी अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है, ये जानते हुए कि मरीज को आईसीयू की जरूरत है और इसके बिना उसका काम नहीं चलेगा। 

कोरोना संक्रमण की पहली लहर में अपनी पीठ थपथपा चुका प्रयागराज जिला प्रशासन दूसरी लहर के सामने बेबस नजर आ रहा है। इस बार जब मरीजों की संख्या पिछले साल से चार गुना तक बढ़ने लगी और हर मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत होने लगी तब प्रशासन की सारी व्यवस्थाएं भी दिखने लगीं। सोमवार को टैगोर टाउन निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। ऑक्सीजन नली हटाते ही ऑक्सीजन 70 के करीब पहुंच रहा था। उन्हें भर्ती कराने को कहा गया तो मालूम चला कि बेड ही नहीं है। एसआरएन में बेड से अधिक मरीज हैं। जहां प्रशासन ने 100 बेड के बंदोबस्त की बात कही है वहां 60 बेड पर ऑक्सीजन है। नोडल अधिकारी डॉ.  ऋषि सहाय को मैसेज कर संपर्क किया तो कोई जवाब ही नहीं दिया। डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने भी बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए अस्पताल में बेड न होने की बात ही कही। ऐसे में अब आपकी सुरक्षा आपके ही हाथ हैं। 

सिर्फ सरकारी तंत्र पर निर्भर होने से बेकाबू हुए हालात
अगर आपको मार्च अप्रैल 2020 याद हो जब कोरोना महामारी ने प्रयागराज में बामुश्किल प्रवेश किया था, तब प्रशासन के बंदोबस्त काफी मुस्तैद थे। महामारी का प्रयागराज में जून से तेजी से प्रसार हुआ था। तब भी 500 से अधिक मरीज नहीं मिले थे। उस वक्त प्रशासन ने लगभग ढाई सौ बेड एसआरएन में, बेली में तमाम बेड के साथ 20 बेड आईसीयू का, सेना का अस्पताल, रेलवे अस्पताल बुक किया था। रेलवे के कोच को आइसोलेट कर कोरोना के इलाज की व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही एडी हेल्थ के कार्यालय में एक भवन को रखा गया था। जरूरत पड़ने पर प्रशासन का दावा था कि डेढ़ से दो हजार मरीज भर्ती कर सकते हैं। इसके बीच जब होम आईसोलेशन की बात आई तो तमाम लोगों ने आवेदन किया उस वक्त प्रशासन अपनी प्राथमिकता देखते हुए लोगों को होम आइसोलेशन की अनुमति दी थी। इस बार जबकि हालात शुरूआत से खराब रहे तो पर्याप्त बंदोबस्त नहीं किया गया। होली के पहले से ही दिखने लगा था कि मरीजों की संख्या आने वाले समय में बढ़ जाएगी पर प्रशासन की निर्भरता केवल सरकारी तंत्र पर बनी रही। शायद यही कारण है कि अब हालात बेकाबू हो रहे हैं।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com