कोरोना बढ़ने के साथ क्या फिर बंद हो जाएंगे स्कूल? जानिए क्या चल रही है तैयारी

कोरोना बढ़ने के साथ-साथ अब स्कूलों ने फिर से ऑनलाइन कक्षाएं चलाने पर विचार शुरू कर दिया है। अन एडेड स्कूल एसोसिएशन ने जहां 30 मार्च को इस मामले पर अहम बैठक बुलाई है वहीं मिशनरी स्कूलों ने जूनियर तक की कक्षाओं को ऑनलाइन ही चलाने की तैयारी की है। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में भी अब फिर से ऑनलाइन घर की पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है।

कोरोना बढ़ने से स्कूल संचालक तथा बच्चों के अभिभावक दोनों चिंतित हैं। गुरुवार को सिटी मांटेसरी स्कूल के शिक्षकों के पॉजिटिव मिलने के बाद अब राजधानी के स्कूल संचालकों के साथ अभिभावकों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। स्कूल संचालक जहां फिर से ऑनलाइन कक्षाएं चलाने पर विचार कर रहे हैं वही सरकारी प्राइमरी स्कूलों में भी इसको लेकर मंथन शुरू हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस संबंध में मीटिंग भी की है। जिसमें उन्होंने घर की पढ़ाई अभियान पर जोर दिया है। घर की पढ़ाई के लिए ई पाठशाला के साथ है व्हाट्सएप क्लास जारी रखने का निर्देश दिया गया है। इसी के साथ महानिदेशक ने बच्चों के अभिभावकों को व्हाट्सएप क्लास से जोड़े रखने को कहा है। 
 
मिशनरी के कक्षा 8 तक के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई की तैयारी

मिशनरी स्कूल एक से पांच अप्रैल के बीच में खुल रहे हैं। सेंट फ्रांसिस स्कूल में एक शिक्षक के पॉजिटिव आने के बाद अब स्कूलों ने फिर से बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं चलाने की तैयारी कर ली है। हालांकि पहले सेंट फ्रांसिस ने पांच अप्रैल से ऑफलाइन कक्षाएं चलाने की बच्चों को जानकारी दी थी। लेकिन अब इसमें बदलाव की तैयारी है। इस संबंध में अभी अभिभावकों को कोई स्पष्ट निर्देश नहीं मिले हैं। सूत्रों ने बताया कि राजधानी के लगभग सभी मिशनरी स्कूलों ने कक्षा 8 तक के बच्चों की ऑनलाइन ही कक्षाएं चलाने की तैयारी की है।
 
सरकारी प्राइमरी स्कूलों के 20% बच्चों तक भी नहीं पहुंच पाई ऑनलाइन पढ़ाई

प्राइवेट तथा मिशनरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों ने कुछ हद तक ऑनलाइन पढ़ाई जरूर की है। लेकिन सरकारी प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को कुछ नहीं मिला है। क्योंकि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे गरीब तबके के होते हैं। इनके पास मोबाइल, लैपटॉप और कनेक्शन उपलब्ध नहीं हो पाया। इनके परिवारीजनों ने भी इनकी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी 20% तक की पहुंच का दावा करते हैं। लेकिन यह आंकड़े भी सही नहीं है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं हुई। अब अगर फिर से सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हुई तो बच्चों का अगला सत्र भी खराब होना तय है।
 
अन एडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने बुलाई बैठक

कोरोना बढ़ने से प्राइवेट स्कूल संचालक भी चिंतित हुए हैं। अन्य एडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने इस संबंध में 30 मार्च को बैठक बुलाई है। बैठक में एसोसिएशन तय करेगा कि बच्चों की आगे की पढ़ाई कैसे और किस तरह कराई जाए। इसमें तय होगा कि किस क्लास तक के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई होगी और किसकी ऑफलाइन।
 
हम स्थितियों पर नजर रखे हुए हैं। कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई के साथ उनकी सुरक्षा की भी चिंता है। 30 मार्च को बैठक बुलाई गई है। इसमें स्कूलों के संचालन के संबंध में  निर्णय होगा।
अनिल अग्रवाल, अध्यक्ष, अन एडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन

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