कैबिनेट फैसलाः अब परीक्षा देकर बन सिपाही भी सकेंगे दारोगा

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कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश उपनिरीक्षक और निरीक्षक (नागरिक पुलिस) सेवा द्वितीय संशोधन नियमावली को मंजूरी दे दी है। गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्र ने बताया कि पुलिस महकमे में दारोगा के 40 हजार पद हैं। इनमें 50 फीसद यानी 20 हजार पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे जबकि शेष 20 हजार पदों में 66 फीसद पदों पर मुख्य आरक्षी ज्येष्ठता के आधार पर प्रोन्नत किये जाएंगे। 33 फीसद पदों को परीक्षा से भरा जाएगा।

इस परीक्षा में मुख्य आरक्षी और आरक्षी भी शामिल हो सकेंगे। इससे अनुभव और दक्षता के साथ ही महकमे में युवा जो
श को भी प्राथमिकता मिलेगी। दारोगा के अलावा इंस्पेक्टर पद पर प्रोन्नति की प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। सूबे में इंस्पेक्टर के पांच हजार पद हैं। अभी तक सभी पदों पर उपनिरीक्षकों को ज्येष्ठता के आधार पर प्रोन्नत किये जाने की प्रक्रिया थी।

कैबिनेट ने 66 फीसद पदों को ज्येष्ठता के आधार पर और 33 फीसद पदों को परीक्षा के आधार पर भरा जाएगा। सरकार ने 2001 बैच तक के उपनिरीक्षकों को निरीक्षक पद पर प्रोन्नति दी है। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद अब 2002 बैच का उपनिरीक्षक भी परीक्षा देकर सीधे इंस्पेक्टर बन सकता है।

एटीएस की उच्च विशिष्टियों का अनुमोदन

कैबिनेट ने लखनऊ में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की स्थापना के लिए प्रथम चरण के भवनों के निर्माण में पुनरीक्षित लागत बढ़ाये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह प्रस्ताव उच्च विशिष्टियों के लिए था।

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सिंचाई विभाग ने एफएसएल को दी जमीन

सहारनपुर में विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) के लिए सिंचाई विभाग ने .779 हेक्टेयर भूमि गृह विभाग को दिया है। कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी। गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्र ने बताया कि अब प्रदेश के हर परिक्षेत्र में एफएसएल के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इससे मुकदमों की विवेचना और साक्ष्यों की गुणवत्ता में सुधार आएगा और अपराधियों को सजा दिलाने में सहूलियत मिलेगी।

 

हाईकोर्ट ने अभिलेखों को नष्ट करने के लिए गाइड लाइन दी थी। कैबिनेट ने गृह विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। किसी भी अपील के हाईकोर्ट द्वारा निस्तारण किये जाने के छह माह बाद संबंधित अभिलेखों को नष्ट किया जा सकेगा। इसके अलावा अतिरिक्त वाहनों की खरीद के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है।

 

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