केशव मौर्य को बड़ी राहत, 19 साल पुराने मारपीट-तोड़फोड़ के मामले में बरी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में छह चरणों के मतदान खत्म हो चुके हैं. बुधवार को सातवें और अंतिम चरण का मतदान होगा और 11 मार्च को नतीजे भी आ जाएंगे. नतीजे क्या होंगे यह तो 11 तारीख को ही पता चलेगा. लेकिन, इस बीच बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के लिए अच्छी खबर आई है. इलाहाबाद में एडीएम सिटी से मारपीट करने के 19 साल पुराने मामले में उन्हें अदालत से बड़ी राहत मिली है.

keshav-prasad-maurya-7-08-1460117669केशव मौर्य को बरी करते हुए मामले को ख़त्म कर दिया है

इलाहाबाद की ज़िला अदालत ने इस मामले में सबूतों के अभाव में केशव मौर्य को बरी करते हुए मामले को ख़त्म कर दिया है. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि केशव के खिलाफ न तो कोई ठोस सबूत मिले हैं और न ही अभियोजन द्वारा पेश किये गए तीनों गवाहों ने दावे के साथ केशव के ही मौके पर मौजूद रहने की तस्दीक की है. इलाहाबाद पुलिस ने इस मामले में जांच के बाद केशव मौर्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

मारपीट व बदसलूकी, परदे फाड़ने, फर्नीचर से तोड़- फोड़ करने का आरोप

केशव ने पिछले दिनों दिए गए बयान में मुक़दमे को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खुद को बेगुनाह बताया था. केशव के खिलाफ यह मुकदमा साल 1998 में इलाहाबाद की कर्नलगंज कोतवाली में दर्ज हुआ था. 19 साल पहले दर्ज मुक़दमे में केशव प्रसाद मौर्य पर आरोप था कि उन्होंने कलेक्ट्रेट कैम्पस में एडीएम सिटी के दफ्तर में घुसकर उनके साथ मारपीट व बदसलूकी की, परदे फाड़े, फर्नीचर में तोड़- फोड़ की और सरकारी कामकाज में रुकावट पैदा की.

दो क्लर्क व एक चपरासी को गवाह के तौर पर पेश किया

इस मामले में केशव के खिलाफ कर्नलगंज कोतवाली में केस दर्ज हुआ था. चार्जशीट दाखिल होने के बाद मुक़दमे का ट्रायल होने पर अभियोजन ने इस मामले में एडीएम सिटी दफ्तर के दो क्लर्क व एक चपरासी को गवाह के तौर पर पेश किया. लेकिन, उनके बयान में भी केशव के खिलाफ ठोस बातें नहीं कहीं गईं. 19 साल पुराने इस मामले में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एसीजेएम फोर्थ परमेश्वर प्रसाद ने केशव को बरी कर दिया.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com