तीनों कृषि कानूनों की वापसी सहित सात सूत्री मांगों पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर 8 दिसंबर के भारत बंद को वामदलों ने समर्थंन देने का निर्णय किया है। सीपीआई, सीपीएम, भाकपा-माले, फारवर्ड ब्लॉक व आरएसपी की राष्ट्रीय स्तर पर हुई बैठक के आलोक में शनिवार को इन पार्टियों के राज्य स्तर के नेताओं ने संयुक्त बयान जारी करके यह जानकारी दी।
भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल, सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय, सीपीएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार व फारवर्ड ब्लॉक के अमीरक महतो व आरएसपी वीरेन्द्र ठाकुर ने कहा है कि पहले तो मोदी सरकार ने दमन अभियान चलाकर किसानों को डराना चाहा, फिर तरह-तरह का दुष्प्रचार अभियान चलाया गया और अब वार्ता का दिखावा किया जा रहा है। दो दौर की हुई वार्ता असफल हो चुकी है। सरकार कानूनों को वापस लेने की मांग पर तैयार नहीं है। किसान इन कानूनों को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे।