अगर उत्तर प्रदेश के नोएडा में रहते हैं तो आपको गाड़ी लेकर बाहर निकलने से पहले सावधान हो जाना चाहिए। दरअसल, सरकार ने यहां 15 अप्रैल से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य कर दिया है। यदि अभी तक आपकी गाड़ी में यह नंबर प्लेट नहीं है तो आप फौरन इसे लगवा लीजिए, वरना कभी भी आपका चालान कट सकता है। सरकारी निर्देश के अनुसार नोएडा में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट न होने पर चालान कटेगा।
वाहन मालिकों की लापरवाही पड़ेगी भारी
गौतमबुद्ध नगर जिले में वाहन मालिक HSRP को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। यही वजह है कि जिला प्रशासन ने 15 अप्रैल के बाद बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाले वाहनों के लिए 5500 रुपये चालान की घोषणा की है। अब तक के आंकड़ों के मुताबिक गौतम बुद्ध नगर जिले में 50 परसेंट गाड़ियों में भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नंबर प्लेट नहीं लगा है। जिले में करीब 7.5 लाख वाहन रजिस्टर्ड हैं और करीब 2.5 लाख वाहन दूसरे जिलों में रजिस्टर्ड होने के बाद यहां चल रहे हैं। मतलब करीब 10 लाख गाड़ियां यहां चलती है, पर अभी तक 5 वाख गाड़ियों में भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगा है।
ऑनलाइन बुकिंग के जरिए मिलेगी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए ऑनलाइन बुकिंग करानी पड़ती है। गौतमबुद्ध नगर जिले में कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने ऑनलाइन बुकिंग करा रखी हैं और उन्हें दो से तीन महीने की वेटिंग मिली हुई है। ये लोग वाहन चलाते समय अपनी पर्ची अपने साथ रखें। पर्ची दिखाकर आप चालान से बच सकते हैं।
क्या है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट एक होलोग्राम स्टीकर है। इसमें वाहन के इंजन और चेसिस नंबर दर्ज होते हैं और इसे वाहन की नंबर प्लेट पर चिपकाया जाता है। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को वाहन की सुरक्षा और सुविधा के लिए डिजाइन किया गया है। इसे खास तरीके से वाहन में फिट किया जाता है। एक बार नंबर प्लेट लग जाने के बाद इसे आसानी से निकाला या बदला नहीं जा सकता है।
2018 से गाड़ियों में लग रहा है स्टिकर
प्रेशर मशीन से लिखे जाने वाले हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट पर एक पिन होता है जो गाड़ी से जोड़ता है। यह पिन एक बार गाड़ी में नंबर प्लेट को पकड़ लेगा तो दोनों तरफ से लॉक हो जाएगा। पेट्रोल और सीएनजी वाहनों में हल्के नीले रंग का स्टिकर लगाया जाता है। वहीं डीजल से चलने वाली गाड़ियों में नारंगी रंग का स्टिकर लगाया जा रहा है। 2 अक्टूबर 2018 से ये रंगीन स्टिकर सभी नए वाहनों में लगाया जा रहा है।