बिहार की राजधानी पटना में बाइपास थाने से महज दो सौ मीटर की दूरी पर शराब की बड़ी खेप पकड़ी गई है। उत्पाद विभाग की टीम ने रविवार रात आठ बजे पटना सिटी के मरचा-मरची गांव में मुर्गी दाना के गोदाम में छिपाकर रखी गई करीब चार हजार कार्टन शराब जब्त की है। इसकी कीमत दो करोड़ रुपये आंकी जा रही है।
विभाग इसे बिहार की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मान रहा है। मौके से छह लेबर और दो चालक गिरफ्तार किए गए हैं। दो ट्रक समेत चार वाहन भी पकड़े गए हैं। पकड़े गए दोनों ट्रकों में शराब के कार्टन भरे थे। ट्रक के अलावा गोदाम में भी शराब के कार्टन भरे देख उत्पाद विभाग की टीम चौंक गई। शराब तस्करी से जुड़े मुख्य आरोपितों की तलाश में उत्पाद और बाइपास थाने की पुलिस संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। शराब तस्करी के इस धंधे में बड़े शराब माफिया के शामिल होने का शक है।
मुर्गी दाना की आड़ में बना था शराब का गोदाम
उत्पाद विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि बाइपास के मरचा मरवी गांव में मुर्गी दाना के गोदाम में शराब रखी हुई है। जहां पर बड़े पैमाने पर तस्करी की शराब छिपाकर रखी गई है। गोदाम में शराब की बड़ी खेप भी उतारी जा रही है। सूचना के आधार पर उत्पाद विभाग की टीम पूरे लाव-लश्कर के साथ रविवार की रात करीब आठ बजे मरचा मरची गांव पहुंची। इसके बाद टीम ने गोदाम में छापेमारी की।
छह मजदूर उतार रहे थे शराब की पेटी
इस दौरान शराब से लदे दो ट्रक पकड़े गए। मौके से टीम ने शराब उतार रहे छह मजदूरों और दो चालकों को धर-दबोचा। साथ ही शराब लदे दोनों ट्रक समेत चार वाहन जब्त कर लिए गए। गोदाम में तलाशी के दौरान कार्टन में छिपाकर रखी गई अंग्रेजी शराब की बोतलें मिलीं, जिसे उत्पाद विभाग की टीम ने जब्त कर लिया। उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गोदाम एक तिवारी जी का बताया जा रहा है। शराब तस्करी में उनकी व अन्य तस्करों की भूमिका की गहन जांच की जा रही है। जांच में जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे, केस दर्ज कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हरियाणा से आयी थी शराब की खेप
उत्पाद विभाग की प्रारंभिक जांच में गोदाम से जब्त की गई शराब अंग्रेजी और महंगी ब्रांड की है। कार्टन व बोतलों की जांच में शराब हरियाणा निर्मित पायी गई है। आगे की जांच में यह शराब अन्य प्रदेशों की भी निर्मित पायी जा सकती है। उत्पाद विभाग की टीम जब्त शराब की बोतलों की गिनती करने व जब्ती सूची बनाने में जुटी हुई है। छापेमारी में शामिल उत्पाद विभाग के अधिकारियों का कहना था कि जब्ती सूची बनाने तथा जब्त शराब के मूल्य का वास्तविक मूल्यांकन करने में पूरी रात लग सकता है। इसमें उत्पाद विभाग के साथ ही बाइपास थाने से करीब दो दर्जन कर्मियों को लगाया गया है। जब्त शराब की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है। पकड़े गए मजदूरों और चालकों से पूछताछ जा रही है। उनसे मुख्य शराब तस्कर व शराब के सिंडीकेट से जुड़े लोगों के बारे में पता किया जा रहा है।
पुलिस की जांच टीम गठित
सिटी एसपी पूर्वी जितेंद्र कुमार ने बताया कि जब्त शराब तथा तस्करी से जुड़े लोगों को चिह्नित करने के लिए पटना सिटी एसडीपीओ के नेतृत्व में जांच टीम गठित की गई है। पकड़े गए आरोपितों के कब्जे से जब्त मोबाइल नंबरों की काल डिटेल भी खंगाली जा रही है।
…तो शराब माफिया चकमा देकर भागा
सूत्रों की मानें तो उत्पाद विभाग की छापेमारी की सूचना मिलते ही मुख्य शराब माफिया चकमा देकर भाग निकला, जबकि छापेमारी से पहले वह गोदाम के पास ही मौजूद था। सूत्रों ने यहां तक बताया कि गोदाम में तस्करी की शराब लंबे समय से आ रही थी। यहां हर हफ्ते 10 से 12 ट्रक शराब आती थी। शराब माफिया द्वारा गोदाम से शराब की डिलीवरी तस्करों के ठिकानों पर की जाती थी। मोटा कमीशन देकर उसके द्वारा बाइपास व पटना सिटी इलाके में शराब की होम डिलीवरी तक कराई जा रही थी, लेकिन इलाकाई पुलिस सब कुछ जानते हुए अनजान बनी हुई थी।
असली बोतल में नकली शराब तो नहीं
जब्त की गई शराब की असली बोतल में कहीं नकली शराब तो नहीं है, पुलिस इसकी भी जांच कर रही है। पुलिस को आशंका है कि बोतल और कार्टन पर मिले रैपर फर्जी भी हो सकते हैं। जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा।
जांच हो तो नपेंगे कई
आसपास के लोगों का कहना था कि शराब तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश के बावजूद शराब की इतनी बड़ी खेप गोदाम में कैसे पहुंची। इलाकाई पुलिस को इसकी खबर क्यों नहीं थी। यदि इस पूरे मामले की ठीक से जांच की जाए तो शराब माफिया से साठगांठ करनेवाले कई पुलिसकर्मियों का नपना तय है।
चेकपोस्ट पर जांच के नाम पर खानापूर्ति
खास बात यह है कि बाहरी प्रदेशों से शराब की खेप बिहार की सीमा में न आ सके, इसके लिए सूबे की सीमा व जिलों के इंट्री प्वाइंट पर उत्पाद विभाग की ओर से चेकपोस्ट बनाये हैं। जहां पर 24 घंटे आने-जाने वाले सभी वाहनों की जांच करने का निर्देश है, लेकिन इन चेक पोस्टों पर तैनात कर्मियों की लापरवाही या तस्करों से मिलीभगत के चलते हरियाणा जैसे प्रदेशों से शराब की खेप लेकर वाहन पहुंच रहे हैं। बाइपास में गोदाम से हरियाणा निर्मित पकड़ी गई शराब की खेप इसकी बानगी है।
जब्त की गई शराब की कीमत करीब दो करोड़ रुपये आंकी गई है। शराबबंदी के बाद बिहार में अब तक की यह पहली और सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। शराब तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।