एक तरफ हम जहां नए साल की तरफ बढ़ रहे हैं, वहीं विकास के मामले में गोरखपुर मंडल साल के सबसे खराब स्थिति में पहुंच गया है। अक्टूबर की तुलना में नवंबर में मंडल नौ पायदान खिसककर सूबे में 14वें रैंक पर पहुंच गया है यानी सूबे के 18 मंडलों में नीचे से पांचवें स्थान पर। शासन स्तर पर जांची गई प्रगति में प्रदेश के साथ ही मंडल में भी गोरखपुर जिला सबसे फिसड्डी साबित हुआ है। गोरखपुर जहां 53वें रैंक पर है तो कुशीनगर 51, देवरिया 46, तथा महराजगंज 42वें रैंक पर है।
विकास की इस प्रगति रिपोर्ट ने तमाम विभागों के अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कमिश्नर अनिल कुमार ने भी इसपर नाराजगी जताई है और अब सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखकर संबंधित योजनाओं की प्रगति जल्द सुधारने के साथ ही मानीटरिंग बढ़ाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। बता दें कि राज्य पोषण मिशन, अपूर्ण विद्यालय, जनेश्वर मिश्र, रानी लक्ष्मीबाई सम्मान कोष, पोलियो ग्रस्त बच्चों की सर्जरी, पीएचसी का निर्माण, एनएचएम के तहत निरीक्षण, आम आदमी बीमा योजना, लोहिया गांवों में संपर्क मार्ग का निर्माण, लोहिया गांवों में आंगनबाड़ी केंद्र, आसरा योजना, मल्टी सेक्टोरल योजना और शौचालय निर्माण समेत 22 योजनाओं में तो मंडल को शून्य अंक मिले हैं।