योगी सरकार में कानून व्यवस्था ध्वस्त, दो माह की भाजपा शासन में 795 हत्याए

लखनऊ:भारतीय जनता पार्टी ने दो महीने पहले विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत पाने के बाद आदित्यनाथ योगी को एक मज़बूत और सख़्त प्रशासक के तौर पर पेश करते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बनाया.लेकिन लगातार प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था से लोगो में भय का वातावरण बनती जा रही है.

दावा किया गया कि क़ानून को हाथ में लेने की किसी को इजाज़त नहीं दी जाएगी और ऐसा करने वालों से सख़्ती से निपटा जाएगा.

हालांकि यही दावा तो विधानसभा में मुख्यमंत्री ने भी किया, लेकिन क़ानून व्यवस्था की स्थिति पिछले दो महीने से लगातार बिगड़ती ही दिख रही है.योगी सरकार के अभी 100 दिन भी पूरे नहीं हुए हैं कि एक रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में पिछले 2 महीने के अंदर 56 डकैती, 833 लूट, 795 हत्या और 771 बलात्कार के मामलों ने पिछली अखिलेश सरकार का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
सहारनपुर में जातीय संघर्ष, बुलन्दशहर, सम्भल और गोंडा में हाल में हुई साम्प्रदायिक घटनाओं ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है.चिंताजनक बात ये है कि अपराध के ज्यादातर मामलों में बीजेपी और तथाकथित हिन्दूवादी संगठनों के लोगों की संलिप्तता पाई गई है.अपराध का ग्राफ चढ़ने से चिन्तित मुख्यमंत्री ने सरकार बनते ही नौकरशाही को सुधारने का कड़ा संदेश दिया था, लेकिन स्थितिया सुधरने की जगह और विकराल होती जा रही हैं.
मथुरा में आभूषण व्यवसायियों के यहां डकैती और दो लोगों की मौत ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को भी चिंतित कर दिया है.

लेकिन समय के साथ-साथ इस जिले में अपराध भी बढ़ा है। प्रदेश की पूर्व समाजवादी सरकार में भी लगातार अपराधिक घटनाएं बढ़ती चली गई हालांकि कई बड़े सांप्रदायिक दंगे हुए, चर्चित कैराना से सैकड़ों की संख्या में हिंदुओं का पलायन प्रदेशभर में बड़ा मुद्दा रहा। जिसे बीजेपी ने राष्ट्रीय मुद्दा बनाया और इसी मुद्दे के आधार पर उन्होंने प्रदेशभर में चुनाव लड़ा गया।
अगर हम बात करें जनपद शामली की तो योगी सरकार के 50 दिन में शामली का आपराधिक ग्राफ लगातार तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। पिछले दो महीनों के कार्यकाल में शामली में 11 हत्याए, सात लूट, एक डकैती, तीन दुष्कर्म, चार रंगदारी, एक सांप्रदायिक व एक जातीय तनाव के मामले पुलिस अभिलेखों में दर्ज किए गए हैं।
जिनमें सबसे ज्यादा अपराध झिंझाना थाने में दर्ज किया गया है। जबकि दर्जनों मामलों में क्राईम ग्राफ कम करने के चक्कर में पुलिस ने पीड़ितों की शिकायतें ही दर्ज नहीं की है। जिले में के सभी बड़े अपराधी जेल में बंद है, इसके बाद भी लगातार अपराध हो रहे हैं। इस बात का जवाब जिले के पुलिस अधिकारियों के पास भी नहीं है। पुलिस फोर्स की भारी कमी से जूझ रहे, जिले के किसी भी थाने में नियमानुसार पुलिस बल तैनात नहीं है। जो है वह भी हरियाणा से आने वाले खनन के वाहनों से उगाही करने में मस्त रहते हैं। जब इस मामले में पत्रिका टीम ने एडिशनल एसपी अनिल झा से बात कि तो उन्होंने बताया कि अपराध बढ़ा है, लेकिन पुलिस ने सभी मामले वर्क आउट भी किए हैं।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com