कई बार ऐसी खबरें भी आई हैं कि चुनाव में खड़े उम्मीदवारों पर लाखों रु का पानी बिल, टेलीफोन बिल, घर का किराया बकाया रह जाता है और वो चुनाव में खड़े हो जाते हैं।
चुनाव आयोग ने कहा है कि उन लोगों को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है, जिन पर सरकारी पैसा बकाया है। चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि जिन प्रत्याशियों पर गृहकर, येलीफोन, पानी, किराया और बिजली का बकाया होगा तो उन्हें चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है।
बता दं कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा समेत पांच राज्यों में चुनावी बिगुल बज चुका है। बताया जा रहा है कि ईसी ने इस बार चुनाव में अपना भाग्य अजमाने वाले उम्मीदवारों को अपने नामांकन के साथ अलग से एक एफिडेविट आयोग में जमा कराने का निर्देश दिया है। इसमें उन्हें बताना होगा कि उनपर किसी भी विभाग या किसी भी सेवा का कोई भी बिल बकाया नहीं हैं।
प्रत्याशियों पर है बकाया
कई बार ऐसी खबरें भी आई हैं कि चुनाव में खड़े उम्मीदवारों पर लाखों रु का पानी बिल, टेलीफोन बिल, घर का किराया बकाया रह जाता है और वो चुनाव में खड़े हो जाते हैं।
चुनाव आयोग ने ये फैसला लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के सेक्शन 36 के तहत किया है। उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में मणिपुर में 2 चरणों में और बाकी राज्यों में एक चरण में विधानसभा चुनाव होंगे।