जो बाइडन प्रशासन ने कैलिफॉर्निया में एक संघीय अदालत से पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया है। राणा 2008 के मुंबई आतंकी हमले में संलिप्तता को लेकर भारत में वॉन्टेड है। 59 वर्षीय राणा को भारत ने भगोड़ा घोषित कर रखा है। भारत में वह 2008 के मुंबई आतंकी हमले में अपनी संलिप्तता के लिए कई आपराधिक आरोपों का सामना कर रहा है। हमले में छह अमेरिकी समेत 166 लोगों की मौत हो गई थी। राणा को भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर 10 जून 2020 को लॉस एंजिलिस में फिर से गिरफ्तार किया गया।
लॉस एंजिलिस में अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ऑफ कैलिफॉर्निया में अपने निवेदन में अमेरिकी सरकार ने दलील दी है कि भारत ने राणा के प्रत्यर्पण के आवेदन में पर्याप्त सबूत दिए हैं।
पिछले हफ्ते अमेरिकी वकील ने अदालत में पेश अपने मसौदा प्रस्ताव में कहा, ‘यह पाया गया कि प्रत्यर्पण के प्रमाणीकरण के लिए सभी आवश्यकताओं को पूरा किया गया है। अदालत विदेश मंत्री को तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण के लिए अधिकृत करती है और उसे हिरासत में भेजती है।’
वहीं राणा के वकील ने अपने प्रस्ताव में प्रत्यर्पण का विरोध किया है। दोनों ही दस्तावेज अदालत के सामने 15 जुलाई को पेश किए गए। भारत में 26/11 आतंकवादी हमले में लिप्त होने के आरोपों में राणा वांछित है। अगस्त 2018 में उसके लिए भारत में वॉरंट जारी हुआ था। भारत सरकार का आरोप है कि तहव्वुर राणा ने डेविड कोलमैन हेडली के साथ मिलकर 2008 में हुए मुंबई धमाकों को अंजाम देने में पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की मदद की थी।