हाईकोर्ट ने बहराइच, बिजनौर, श्रावस्ती, बाराबंकी तथा जौनपुर में चिकित्सा सुविधाएं बेहतर करने के बारे में सरकार की प्रशंसा की है। साथ ही भदोही, गाजीपुर, बलिया, देवरिया तथा शामली में भी इसी तरह बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करने की अपेक्षा की है। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर इन जिलों में भी चिकित्सा सुविधाएं बेहतर करने की रिपोर्ट मांगी है।
राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेश के अनुपालन में प्रदेश में डायग्नोस्टिक सेंटरों की अधिकतम फीस निर्धारित कर अपनी रिपोर्ट दाखिल की। इसके अनुसार आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए 500- 900 रुपये और एंटीजेन टेस्ट का 200 रुपये शुल्क लिया जाएगा। ट्रूनाट प्राइवेट टेस्टिंग का शुल्क 1200 निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार सीटी स्कैन के अलग-अलग स्लाइस की जांच रिपोर्ट का शुल्क दो हजार से शुरू होकर 2,500 रुपये तय किया गया है। कोर्ट ने सरकार की इस कार्रवाई पर भी संतुष्टि जताई।
कोर्ट ने डायग्नोस्टिक सेंटरों पर जांच के नाम पर वसूले जा रहे मनमाने शुल्क की अधिकतम सीमा तय करने का निर्देश दिया था। सरकार ने कोर्ट को बताया कि डायग्नोस्टिक सेंटरों पर सीटी स्कैन के 16 स्लाइस तक 2000 रुपये और उसके ऊपर 16 से 64 स्लाइस तक 2250 तथा 64 से ऊपर की स्लाइस पर 2500 रुपये शुल्क लिया जाएगा। जस्टिस वीके श्रीवास्तव की कोरोना से मौत के पूर्व इलाज के संबंध में जांच के लिए गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।सरकार ने इस रिपोर्ट को देखने की मांग की है। वहीं कोर्ट ने सरकार को समय देते हुए रिपोर्ट को रिकार्ड में रखने का निर्देश दिया।