प्रयागराज : कत्ल के झूठे आरोप में पांच साल जेल काटकर आए दंपती के बच्चे लापता

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या के झूठे मुकदमे में पांच साल जेल में बिताने वाले दंपती के अनाथालय को सौंपे गए दो बच्चों के लापता होने के पत्र पर सुओ मोटो संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट के साथ जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय यादव एवं न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने लुकिंग फॉर जस्टिस नामक जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने एक मार्च के पत्र व अन्य कजजात की प्रति अपर शासकीय अधिवक्ता को देने का निर्देश दिया है।

आगरा के मामले के तथ्यों के अनुसार वर्ष 2015 में पांच साल के बच्चे की हत्या के आरोप में दो बच्चों के माता-पिता के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने दंपती को जेल भेजते हुए उनके पांच वर्षीय पुत्र व तीन साल की बेटी को अनाथालय भेजने का आदेश दिया। अपर सत्र न्यायाधीश आगरा ने पांच साल बाद चार्जशीट पर सुनवाई करते हुए दंपती को बरी कर दिया और कहा कि विवेचनाधिकारी ने जल्दबाजी में विवेचना पूरी कर वाहवाही लूटने के लिए हड़बड़ी मे चार्जशीट दाखिल कर दी। उन्होंने वास्तविक अपराधी को तलाशने की कोशिश नहीं की।दंपती के खिलाफ हत्या के आरोप का कोई साक्ष्य भी पेश नहीं किया गया।

पांच साल बाद रिहा जेल से छूटने पर दंपती ने अपने दोनों बच्चों की तलाश शुरू की। उनका कहीं पता नहीं चला तो उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों से गुहार लगाई। कोई कार्रवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजा। कोर्ट ने पत्र पर सुओ मोटो संज्ञान लेकर उसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज कर लिया।

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