पेगासस सॉफ्टवेयर से राष्ट्रप्रमुखों के फोन की जासूसी की खबरों ने दुनियाभर में तहलका मचा रखा है। मामला सामने आने के बाद इस सॉफ्टवेयर को बनाने वाले इजरायल में भी काफी हंगामा मचा हुआ है। अब इजरायली संसद का एक पैनल डिफेंस एक्सपोर्ट पॉलिसी में बदलाव के बारे में विचार कर रहा है। गुरुवार को इस बारे में वक्तव्य जारी किया गया। गौरलतब है कि इजरायली कंपनी एनएसओ के बनाए फोन जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस से दुनिया की कई बड़ी हस्तियों के मोबाइल की जासूसी का दावा किया गया है। इनमें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से लेकर जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल के नाम शामिल हैं। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने तो मामले की जांच को लेकर गुरुवार को अपनी कैबिनेट की बैठक भी बुलाई। वहीं जर्मन चांसलर कहाकि इस सॉफ्टवेयर को उन राष्ट्रों को नहीं देना चाहिए जहां न्यायिक निगरानी नहीं है।
जांच के लिए बनाई गई है टीम
पेगासस के लाइसेंस मामले पर बोलते हुए विदेशी मामलों और रक्षा समिति के प्रमुख राम बेन-बराक ने आर्मी रेडियो को वक्तव्य जारी किया है। उन्होंने कहाकि इस मामले में रक्षा निर्यात नियंत्रण एजेंसी (डेका) की तरफ इशारा करते हुए कहाकि लाइसेंस के मामले को नए सिरे से देखा जा रहा है। इजरायल ने एक अंतरिम-मंत्रालय टीम का गठन भी किया है। यह टीम उन रिपोर्टों की जांच कर रही है, जिनमें दावा किया गया है कि पेगासस के जरिए स्मार्टफोन्स को हैककर, उनके मैसेजेज पढ़े गए हैं और कॉल्स को रिकॉर्ड किया गया है। वहीं पेगासस को बनाने वाली एनएसओ ने इस मामले में सभी मीडिया रिपोर्टों को नकार दिया है।
एनएसओ ने कहा, शिकायतें मिलीं तो होगी जांच
वहीं एनएसओ का कहना है कि उसे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि उसके द्वारा सॉफ्टवेयर लेने के बाद किन लोगों की जासूसी की गई है। अगर उसे इस बात की शिकायत मिलती है कि उनके क्लाइंट्स ने पेगासस का गलत इस्तेमाल किया है तो वह टारगेट लिस्ट को हासिल करेगी। अगर शिकायतें सही मिलती हैं तो क्लाइंट के पेगासस सॉफ्टवेयर को बंद कर दिया जाएगा। कई अन्य नाम जो मीडिया रिपोर्टों में टारगेट लिस्ट का हिस्सा बताए गए हैं, उनमें पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और मोरक्को के राजा मोहम्मद छठवें भी हैं। बेन बराक ने कहाकि इजरायली सरकार की टीम अपनी तरफ से जांच करेगी। हम नतीजों को देखेंगे और साथ साथ ही देखेंगे कि मामले को कैसे सुलझाया जा सकता है।
सरकार से भी पूछे जा रहे सवाल
गौरतलब है कि रक्षा निर्यात नियंत्रण एजेंसी (डेका) इजरायली रक्षा मंत्रालय के तहत आता है और एनएसओ के विदेशी निर्यात पर नजर रखता है। अभी तक इजरायली रक्षा मंत्रालय और डेका दोनों का कहना है कि पेगासस का इस्तेमाल आतंकवादियों और अपराधियों की निगरानी में किया जाता है। सभी विदेशी क्लाइंट्स और सरकारें इसीलिए इस सॉफ्टवेयर को लेती हैं। लेकिन सॉफ्टवेयर के गलत इस्तेमाल को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। वहीं इजरायली प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट सरकार के सहयोगी भी अब इस पर सवाल उठाने लगे हैं। सरकारी दल के एक सहयोगी ने मीटिंग के दौरन रक्षा मंत्री बेनी गैंट्स से एनएसओ द्वारा निर्यात को लेकर सवाल पूछा।