जर्मनी ने कोरोना वायरस के नए वेरिएंट से प्रभावित भारत, ब्रिटेन और पुर्तगाल पर लगे यात्रा प्रतिबंध को हटाने की घोषणा की है। इससे पहले जर्मनी ने कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों के यात्रियों पर बैन लगा रखा था जिसे मंगलवार को हटाने की घोषणा की गई है। बता दें कि अब जर्मनी में जाने के लिए कोरोना निगेटिव रिपोर्ट की जरूरत होगी। इसके अलावा 5 से 10 दिनों तक क्वारंटाइन में भी रहना होगा।
दुनियाभर में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए जर्मनी समेत कई देशों ने विदेश यात्राओं पर प्रतिबंध लगाया है। जर्मनी ने उन 16 देशों को लेकर यात्रा प्रतिबंध लगाए थे जहां कोरोना के अधिक मामले सामने आ रहे थे। जर्मनी ने देशों को वर्गों में बांट रखा है। रोग नियंत्रण और रोकथाम करने वाली जर्मन संघीय सरकारी एजेंसी रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट ने कहा कि भारत, नेपाल, रूस, पुर्तगाल और यूके को पहले “वैरिएंट चिंता के क्षेत्रों” की कैटेगरी में रखा था और अब इसे हाई इंसीडेंट वाले इलाके यानी “उच्च-घटना वाले क्षेत्रों” में डाउनग्रेड कर दिया गया है। .
ऐसा करन के बाद से उनके लिए जर्मनी आना आसान हो जाएगा जो यहां के नागिरक या निवासी नहीं हैं। जर्मनी में मौजूदा नियम केवल अपने ही नागरिकों को दूसरे देश से अपने देश में आने की अनुमति देते थे और उनके टीकाकरण की स्थिति की परवाह किए बिना दो सप्ताह उन्हें क्वारंटाइन रखने को कहते हैं।
अब के नियमों के मुताबिक “उच्च-घटना वाले क्षेत्रों” में आने वाले देशों के व्यक्ति को जर्मनी में आने की अनुमति मिलेगी, बशर्ते आने से पहले वह कोरोना निगेटिव हो और 10 दिन तक क्वारंटाइन रह सकें।
हालांकि अगर व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है तो उसके क्वारंटाइन की अवधि केलव 5 दिनों की होगी। ये नियम बुधवार से लागू किए जाएंगे। हाई इंसीडेंस वाले इलाकों से आने वाले उन यात्रियों को क्वारंटाइन में छूट मिलेगी जिन्हें पूरी तरह से टीका लगाया गया है।
जर्मन स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पैन ने पिछले हफ्ते कहा था कि संघीय सरकार “अगले कुछ दिनों में” स्थिति (यात्रियों को डेल्टा संस्करण-हिट देशों की अनुमति देने की) पर गौर करेगी। पिछले महीने, दुबई ने उन भारतीय यात्रियों पर प्रतिबंधों में ढील दी, जिन्होंने संयुक्त अरब अमीरात द्वारा अनुमोदित कोविड -19 वैक्सीन की दो खुराक ली हैं। देश ने सिनोफार्म, फाइजर-बायोएनटेक, स्पुतनिक वी और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाए गए टीकों को मंजूरी दे दी है।
भारत से यात्रियों को दुबई जाने से चार घंटे पहले एक रैपिड पीसीआर टेस्ट से गुजरना पड़ता है। दुबई पहुंचने पर उन्हें एक और पीसीआर टेस्ट से भी गुजरना होगा। उनके आगमन के बाद, भारत से यात्रियों को अपने पीसीआर परीक्षा परिणाम प्राप्त होने तक संस्थागत संगरोध से गुजरना चाहिए, जो 24 घंटों के भीतर होने की उम्मीद है।