जम्मू कश्मीर में सिख लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन पर बवाल, श्रीनगर से दिल्ली तक हो रहे प्रदर्शन, सरकार से दखल की मांग

दो सिख लड़कियों का अपहरण कर जबरन धर्म परिवर्तन करवाने का मामला सामने आने के बाद सोमवार को नई दिल्ली से लेकर श्रीनगर तक सिख समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए।

श्रीनगर में सिख समुदाय के लोगों ने इस  के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए और लगातार सरकार से मामले में दखल देने की मांग की। वहीं, दिल्ली में जागो पार्टी ने जम्मू-कश्मीर हाउस पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने साथ ही जम्मू-कश्मीर के सिखों की परेशानियों को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है। इस पत्र की एक प्रति उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर हाउस के सहायक रेजिडेंट कमिश्नर नीरज कुमार को भी जागो नेताओं ने सौंपी। वहीं, देहरादून में भी सिख समुदाए ने विरोध प्रदर्सन किया।

सिरसा ने गृहमंत्री से की अपील

श्रीनगर में शिरोमणि अकाली दल नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, दो सिख लड़कियों को बंदूक की नोक पर अगवा किया गया और जबरन धर्म परिवर्तन किया गया और एक अलग धर्म के बुजुर्ग पुरुषों से शादी कर दी गई। मैं इस मसले पर गृहमंत्री अमित शाह से कार्रवाई की अपील करता हूं। सिरसा सिख लड़कियों के कथित जबरन धर्म परिवर्तन और शादी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। सिरसा ने कहा कि जिस लड़की की मुस्लिम से शादी की गई है उसकी पहले से ही 2-3 शादियां हो चुकी हैं। सिरसा ने केंद्र से अपील करते हुए कहा कि यूपी और मध्य प्रदेश की तरह यहां भी धर्मांतरण कानून लागू किया जाए। वहीं, सिरसा ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में दो नहीं चार लड़कियों का धर्मांतरण हुआ है।

सौतेला व्यवहार हो रहा

नई दिल्ली में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए जागो के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सिखों के साथ केंद्र सौतेला व्यवहार कर रहा है। सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि अगर आज कश्मीर घाटी भारत के साथ हैं, तो उसके पीछे सिखों की बड़ी कुर्बानी है। क्योंकि उन्होंने बुरे हालातों में भी घाटी में टिके रहने मंजूर किया, कश्मीरी पंडितों की तरह पलायन को तरजीह नहीं दी।
 

मानसिक तौर पर कमजोर है लड़की

सिख समुदाय का आरोप है कि श्रीनगर में पहले भी ऐसे मामले हुए हैं जहां लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन करवाया गया। परिवारों का आरोप है कि जिस कोर्ट में लड़की की पेशी हुई थी, वहां उनको नहीं जाने दिया गया था। उन्होंने पुलिस पर भी सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है। परिवार का कहना है कि जिस लड़की ने पति के साथ रहने की हामी भरी है वह मानसिक तौर पर कमजोर है।

कोर्ट पहुंचे सिख समुदाय के लोग

नाबालिग लड़की को जब शादी के लिए कोर्ट ले जाया गया तो सिख समुदाय के लोग कोर्ट के बाहर पहुंच गए हैं धरना देने लगे। प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग थी कि लड़की उन्हें सौंप दी जा रही। बड़गाम के गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष संतपाल सिंह के मुताबिक 18 साल की सिख लड़की को लालच देकर फंसाया गया फिर उसका धर्म परिवर्तन कराया गया। उन्होंने इसे लव जिहाद का मामला बताया।

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