पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बीजिंग पहुंचने के कुछ घंटे बाद पाकिस्तान में आतंकवादी हमले में मारे गए नौ चीनी कर्मियों के अवशेष शुक्रवार को एक चार्टर्ड विमान से स्वदेश पहुंचे। आतंकी हमले में अपनों की मौत के बाद चीन पाकिस्तान से खफा नजर आ रहा है, इसलिए उसने पाक में चीनी नागरिकों की हर हाल में सुरक्षा देने की नसीहत दी है। इस हमले के बाद से दोनों देशों के बीच के रिश्तों में खटास आ गई है, जिस पर संभावित बातचीत के लिए कुरैशी, आईएसआई चीफ के साथ चीन पहुंचे हैं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की मानें तो शनिवार को जारी एक संक्षिप्त बयान में चीनी विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से इस घटना की गंभीरता से जांच करने और विभिन्न परियोजनाओं पर पड़ोसी देश में काम कर रहे चीनी कर्मियों की सुरक्षा को गंभीरता से लेने और उनकी रक्षा करने को कहा। बता दें कि पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी शुक्रवार को दो दिवसीय यात्रा पर बीजिंग पहुंचे।
शाह महमूद कुरैशी आधिकारिक तौर पर तीसरी चीन-पाकिस्तान सामरिक वार्ता में भाग लेने के लिए यहां आए हैं। हालांकि, उनके साथ आईएसआई चीफ हामीद भी गए हैं, मगर उनके बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। मगर पाक मीडिया ने इसका दावा किया है। चीनी समकक्षों के साथ कुरैशी की यह वार्ता सिचुआन प्रांत की राजधानी चेंगदू के दक्षिण-पश्चिमी महानगर में होने की संभावना है।
नौ चीनी कर्मियों के अवशेषों के स्वदेश वापसी पर विदेश मंत्रालय ने कहा पाकिस्तान के आतंकवादी हमले में मारे गए नौ चीनी कर्मियों के शव शुक्रवार को एक चार्टर्ड विमान से मातृभूमि लौट आए। आधिकारिक समाचार एजेंसी सिन्हुआ के हवाले से बयान में कहा गया है कि चीन गंभीरता से, जिम्मेदारी से और सही तरीके से सच्चाई का पता लगाने, अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने, घायलों के इलाज के लिए कोई कसर नहीं छोड़ने के लिए हर आवश्यक उपाय करने के लिए पाकिस्तान से पूछना और समर्थन करना जारी रखेगा। साथ ही चीन ने इस तरह की घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए पाकिस्तान में चीनी कर्मियों, परियोजनाओं और संस्थानों की सुरक्षा की ईमानदारी से रक्षा करने को कहा।
यह घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के ऊपरी कोहिस्तान जिले में हुई थी जहां चीन की एक कंपनी सिंधु नदी पर 4320 मेगावॉट का बांध बना रही है। यह दुर्घटना उस समय हुई जब चीनी और स्थानीय श्रमिकों को बांध निर्माण स्थल पर ले जा रही एक बस खड्ड में गिर गई। दोनों करीबी सहयोगियों के बीच घटना को लेकर अलग-अलग धारणा कि यह आतंकवादी घटना थी या गैस विस्फोट से बस पलटी, ने भी बीजिंग की चिंताओं को बढ़ा दिया था। इसका असर हुआ कि चीन ने पाकिस्तान में कई परियोजनाओं को बंद कर दिया।
शुरुआत में कहा गया था कि बस के गिरने से पहले एक विस्फोट हुआ था। बाद में, पाकिस्तान ने औपचारिक तौर पर कहा था कि बस किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण बस गिरी और गैस रिसाव के कारण बाद में विस्फोट हुआ। चीन के अधिकारी इसे लगातार विस्फोट बताते रहे और मामले की जांच के लिए 15 सदस्यों की विशेषज्ञ टीम को भी भेजा था। गृह मंत्री शेख रशीद ने इस हफ्ते कहा था कि पाकिस्तान ने जांच पूरी कर ली है और चीन इससे संतुष्ट है। लेकिन उन्होंने बस दुर्घटना की प्रकृति के ब्योरे साझा नहीं किए।