चीन ने चालाकी कर US सेंटर से हटवाया कोरोना का डेटा, मगर कुछ डेटा हासिल करने में मिली सफलता

चीन ने एक और चालबाजी करते हुए अपने देश में सबसे पहले एकत्र किए गए कोरोना मरीजों के नमूनों की जांच और वायरस की जेनेटिक सिक्वेंसिंग से जुड़े आंकड़ों को अमेरिकी डेटा बेस से हटवा दिया। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि डेटा बेस से आंकड़ों को डिलीट करने का काम चीनी शोधकर्ताओं के अनुरोध पर किया गया। अमेरिकी प्रोफेसर जेस ब्लूम को लगता है कि चीन ने सच पर पर्दा डालने के लिए आंकड़ों को डेटाबेस से हटवाया। रिसर्चर जेसी ब्लूम ने दावा किया कि उन्होंने रहस्यमयी ढंग से गायब हुए वुहान के शुरुआती 241 केसों के डेटा में से 13 केस के डेटा हासिल कर लिए हैं।

मार्च 2020 में जमा किए थे आंकड़े:
कोरोना संक्रमितों के नमूनों की जांच से जुड़े आंकड़े अमेरिका के सिक्वेंस रीड आर्काइव में मार्च 2020 में जमा कराए गए थे। लेकिन इसे जमा करने वाले शोधकर्ताओं ने तीन महीने बाद जून में आंकड़े हटाने का अनुरोध किया। अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के मुताबिक जिस डेटा को डिलीट किया गया, वह वुहान में सबसे पहले एकत्र किए गए कोरोना नमूनों की जांच और जीनोम सिक्वेंसिंग से जुड़े थे। संस्थान ने कहा कि डेटा जमा करने वाले शोधकर्ताओं का इस पर पूरा अधिकार है और वे इसे जब चाहें हटवा सकते हैं, हम ऐसा करने की उनकी मंशा पर कोई अनुमान नहीं लगा सकते।

अपडेट की बात कहकर डेटा हटवाया:
डेटा हटवाते समय चीनी शोधकर्ताओं ने कहा कि सीक्वेंस से जुड़ी जानकारी अपडेट की गई है और इसे एक दूसरे डेटा बेस पर जमा किया जा रहा है। शोधकर्ताओं ने कहा कि अमेरिकी डेटा बेस से आंकड़ो को हटा दिया जाए, ताकि आगे की समस्या से बचा जा सके।

आधिकारिक ऐलान से पहले चीन में मौजूद था कोरोना: प्रोफेसर ब्लूम
आंकड़े डिलीट किए जाने की जानकारी देने वाले और कुछ आंकड़ों को हासिल करने में सफल रहे अमेरिकी प्रोफेसर ब्लूम ने कहा-मैं पहले भी सुझाव दे चुका हूं कि चीन के आधिकारिक ऐलान से बहुत पहले ही कोरोना चीन में फैल रहा था। फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिक ब्लूम को लगता है कि चीन सच छिपा रहा है।

वायरस के प्रयोगशाला से फैलने के संकेत:
चीन के इस कदम से कोरोना वायरस के प्रयोगशाला से उत्पन्न होने की आशंकाओं को बल मिला है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के पूर्व सलाहकार डोमिनिक कुमिंग्स ने कहा-प्रोफेसर जेस ब्लूम की जानकारी कोरोना वायरस के लैब से फैलने की ओर संकेत करती है। इसके पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक विशेषज्ञ टीम ने इस साल की शुरुआत में जांच के लिए चीन का दौरा किया था, लेकिन उन्हें डेटा उपलब्ध नहीं कराया गया।

अमेरिकी खुफिया एजेंसी कर रही जांच:
दुनियाभर के नेता और वैज्ञानिक कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच को लेकर चीन के नकारात्मक रुख को लेकर निराश हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए अपनी खुफिया एजेंसियों को फिर से जांच करने का आदेश दिया है। हालांकि चीन ने कहा है कि कोरोना वायरस के प्रसार में वुहान स्थित प्रयोगशाला का लेना-देना नहीं है।

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