योगीराज बाबा गंभीरनाथ पुण्यतिथि शताब्दी वर्ष समारोह के अंतर्गत डीवीएन पीजी कॉलेज में मंगलवार को ‘नवीन आर्थिक परिदृश्य में कैशलेश व्यवस्था’ विषय पर गोष्ठी हुई। इसमें विशेषज्ञों ने कैशलेस बैंकिंग की खासियतों के साथ सावधानियों की भी जानकारी दी।
मुख्य अतिथि लीड बैंक के वित्तीय परामर्शदाता बीएम सिंह ने कहा कि कैशलेस बैंकिग से देश में जिस नए आर्थिक युग की शुरूआत हो रही है, उसमें युवा मित्र इसके सहभागी बन सकते हैं। नकद विहीन अर्थव्यवस्था से भारत भ्रष्टाचार मुक्त होगा, कालेधन पर रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट बैंकिंग अथवा डिजिटल बैंकिंग से बहुत सारी समस्याओं का समाधान और कार्य आसानी से हो जाता है, लेकिन उसके प्रयोग में कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए।
विशिष्ट अतिथि लीड बैंक के पूर्व वित्तीय परामर्शदाता सुरेश कुमार ने कहा कि डिजिटल बैंकिंग अत्यंत सरल, सुलभ, सुरक्षित तरीका है। नोटबंदी के बाद भारत की जनता ने डिजिटल बैंकिंग को सहर्ष स्वीकार किया है। आज शहर और ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करने वाले छोटे-छोटे व्यापारी भी इस तकनीक का प्रयोग कर लाभ उठा रहे हैं। इस मौके पर प्राचार्य डॉ. शैलेंद्र प्रताप सिंह ने डिजिटल बैंकिंग अपनाने पर जोर दिया। कार्यक्रम में डॉ. राजशरण शाही, डॉ. सत्यपाल सिंह, डॉ. नीरज सिंह, डॉ. संजय त्रिपाठी, डॉ. अमरनाथ तिवारी, पवन पांडेय समेत छात्र, छात्राएं उपस्थित थे।