सरकार ने भले पैन कार्ड को आधार से जोड़ने की समयसीमा 30 जून तक रखी हो, लेकिन अभी भी बड़े पैमाने पर पैन कार्ड आधार से लिंक नहीं हो सके हैं। ‘हिंदुस्तान’ को सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक, इस साल मई महीने तक करीब 38 करोड़ पैन कार्ड आधार से जोड़े जा चुके थे। वहीं, सवा 16 करोड़ से ज्यादा पैन कार्ड आधार से नहीं जुड़ पाए हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, देश में मौजूदा समय में कुल 55.82 करोड़ पैन कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इनमें से 54.60 करोड़ पैन कार्ड व्यक्तिगत लोगों के लिए जारी किए गए हैं। वहीं, बाकी के कारोबारी वजहों से जारी हुए हैं। इनमें से 24 मई तक के आंकड़ों के मुताबिक, 38.34 करोड़ पैन कार्ड आधार से लिंक हो चुके हैं। वहीं, 16.25 करोड़ के करीब पैन कार्ड का जोड़ा जाना बाकी है। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के पूर्व प्रेसिडेंट अतुल गुप्ता के मुताबिक, जब तक लोगों की तरफ से दी गई जानकारियां आधार और पैन कार्ड दोनों में एक जैसी नहीं होती है, तब तक लिंक होना संभव नहीं है। इन मामलों में मुश्किलें आती हैं उनमें सुधार के बाद ही लिंक किए जाने की प्रक्रिया की जाएगी। पैन कार्ड के आधार से तय तारीख तक लिंक न होने की हालात में इसे अमान्य तक किया जा सकता है।
ईपीएफओ ने बढ़ाई तारीख
देश में कोरोना महामारी की वजह से लंबे समय से सरकार की योजनाओं में आधार कार्ड को लिंक करने में मुश्किलें आ रही हैं। उद्योग जगत ने सरकार से इस महीने की शुरुआत में अपील की थी कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानि ईपीएफओ की तरफ से पीएफ और यूनिवर्सल अकाउंट नंबर यानि यूएएन को आधार से जोड़ने की तारीख बढ़ाई जाए। सरकार ने इस पर फैसला लेते हुए इसे फिलहाल 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है।
उद्योग जगत ने सरकार को लिखा था पत्र
उद्योग जगत ने सरकार को चिट्ठी लिख कर बताया था कि लोगों के आधार और ईपीएफ में दर्ज जानकारियों में अंतर की वजह से दोनों को जोड़ने में समस्या आ रही है। साथ ही कोरोना महामारी की वजह से न तो लोग इसे सही करा पा रहे हैं न ही कोरोना के पहले की तरह बैंकों और आधार कार्यालयों में पूरा स्टाफ पहुंच रहा है। इससे काम तेज हो। इन्हीं वजहों पर गौर करते हुए सरकार ने तारीख बढ़ाई थी। ऐसी मुश्किलें पैन कार्ड को लेकर भी देखी जा रही हैं।