राज्य सरकार अयोध्या के रामायण सर्किट से प्रदेश के सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों को जोड़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव के बाद आवास विभाग ने इसका खाका तैयार करा लिया है। रामायण सर्किट में अयोध्या से 24 घंटे के अंदर आने-जाने वाले तीर्थ स्थलों को भी जोड़ा जाएगा, जिससे पर्यटक घूमकर दिनभर में अयोध्या वापस आ सके।
अयोध्या के साथ सर्किट क्षेत्रों का विकास
राज्य सरकार अयोध्या से जुड़ने वाले तीर्थ व पर्यटक स्थलों का भी विकास कराएगी। आवास विभाग द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव के आधार पर संबंधित विभागों को जिम्मेदारी सौंपने का काम शुरू हो गया है। अयोध्या से बौद्ध सर्किट की दूरी 1116 किमी है। बौद्ध सर्किट जाने के लिए अयोध्या से सीधा मार्ग होगा। इसके साथ ही अवध सर्किट, बुंदेलखंड, विंध्य-वाराणसी, ब्रज, वाइल्ड लाइफ-इको पर्यटन सर्किट को जोड़ा जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे तीर्थ यात्रियों को यूपी में घूमने के लिए पर्याप्त स्थान मिलेंगे।
एक दिवसीय पर्यटन यात्राएं
अयोध्या से इसके अलावा एक दिवसीय पर्यटन यात्राओं को भी जोड़ा जाएगा। अयोध्या से लखनऊ की 140 किमी है। लखनऊ में मनकामेश्वर मंदिर, हनुमानु सेतु मंदिर, अंबेडकर मेमोरियल पार्क, जूलॉजिकल गार्डन और लखनऊ संग्राहलय को जोड़ा जाएगा। अयोध्या से प्रयागराज दूरी 160 किमी। त्रिवेणी संगम, अक्षय वट, प्रयागराज का किला व आनंद भवन को जोड़ा जाएगा। अयोध्या से गोरखपुर 135 किमी। गोरखनाथ मंदिर, रेल संग्राहलय, गीता वाटिका, रामगढ़ ताल और वीर बहादुर सिंह तारा मंडल को जोड़ा जाएगा। अयोध्या से वाराणसी दूरी 250 किमी। यहां के पवित्र गंगा नदी पर नाव की सवारी, काशी विश्वनाथ मंदिर, संकट मोचन मंदिर, दुर्गा माता मंदिर और भारत माता मंदिर और संध्या आरती देखने की सुविधा दी जाएगी।
टूर एवं ट्रेवलिंग की व्यवस्था
अयोध्या आने वाले यात्रियों की सुविधाओं के लिए टूर एवं ट्रेवलिंग की व्यवस्था भी कराई जाएगी। इसके लिए परिवहन विभाग की मदद ली जाएगी, जिससे अयोध्या आने वालों के लिए रामायाण सर्किट में घूमने की बेहतर सुविधा मिल सके। इसमें आने-जाने, खाने और रहने तक की व्यवस्थाओं को पूरे पैकेज में शामिल किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे तीर्थ यात्रियों को कम पैसे में बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।