नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा किए गए कामों के बारे में ज्यादातर लोग जानते हैं, बावजूद इसके वे लोग समाजवादी पार्टी को वोट नहीं करेंगे। यह बात एक समाचार पत्र द्वारा की गई पड़ताल में सामने आई है।
पता लगा कि यूपी के लोगों की नजरों में अखिलेश की छवि ‘विकास पुरुष’ वाली बनी हुई है। लोग अपने आप बताते हैं कि अखिलेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद गांवों में बिजली, पानी, पुलिस सुविधा बेहतर हुई है। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या वे सपा को वोट करेंगे?
तो ज्यादातर लोगों का जवाब ‘ना’ था। सेंट्रल यूपी, बुंदेलखंड, फैजाबाद, अयोध्या में पूछताछ पर जिन लोगों ने अखिलेश यादव को वोट देने की बात कही उनमें ज्यादातर यादव और मुसलमान थे। वहीं ब्राह्मण, वैश्य, ठाकुर, राजपूत, शाक्य-कुशवाह, कोड़ी, धोबी, मल्लाह और जाटवों का जवाब इससे अलग था। बाकी लोगों की तरह वे लोग भी मानते हैं कि अखिलेश ने काम किया है, वे ये भी कहते हैं कि अखिलेश अच्छा इंसान है लेकिन वे सपा को वोट देने को तैयार नहीं हैं।
कुछ जगह ऐसी थीं जहां पर लोग सपा को इसलिए वोट नहीं करना चाहते क्योंकि उसकी छवि ‘मुसलमानों और यादवों’ वाली पार्टी के रूप में बन गई है। वहीं कुछ लोग ऐसे मिले जिनको लगता है कि उनके यहां से जो सपा का उम्मीदवार खड़ा है वह कमजोर है। इसलिए वे लोग बसपा की तरफ रुख कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग भाजपा को वोट देने का साफ मन बना चुके हैं।
कुछ ऐसे लोग भी थे जो अखिलेश की तारीफ करते हुए कहते हैं कि उनके गांवों के तालाब अखिलेश सरकार आने के बाद ही भरे गए वरना पहले उनमें बच्चे क्रिकेट खेलते रहते थे। लेकिन ऐसे लोगों के पास खड़े लोगों ने कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि तारीफ कर रहे शख्स की आंखों पर लैपटॉप की ‘पट्टी’ पड़ी हुई है।
यूपी में इस बार अखिलेश यादव ने कांग्रेस से हाथ मिलाया है। लेकिन एक निजी इंटरव्यू में वह राहुल गांधी के साथ हुए गठबंधन को मजबूरी भी बता चुके हैं। अखिलेश ने साफ कहा था कि अगर परिवार में कलह ना होती तो वे गठबंधन के बारे में ना सोचते।